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आरक्षण हिंसा: हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की सजा पर लगाई रोक, मिली जमानत

2015 के मेहसाणा दंगा मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गुजरात हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने पटेल की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी है. इससे पहले विसनगर कोर्ट ने मामले में पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी.

हार्दिक पटेल (फाइल फोटो) हार्दिक पटेल (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल 25 अगस्त से अहमदाबाद में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. उसे पहले बुधवार को गुजरात हाइकोर्ट से उनके लिये राहत की बड़ी खबर आयी है. हार्दिक को विसनगर कोर्ट द्वारा सुनायी गयी 2 साल की सजा पर गुजरात हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही हार्दिक पटेल को कोर्ट ने जमानत भी दे दी है.

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गौरतलब है कि मेहसाणा दंगा मामले में हार्दिक पटेल पर यह केस 23 जुलाई 2015 को हुआ था. मेहसाणा पाटीदार आंदोलन का गढ़ था और उसकी शुरुआत विसनगर की सभा से हुई थी. इस दौरान विसनगर के भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की गयी थी. इस मामले में कोर्ट ने हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल को दो साल की सजा सुनायी थी, जबकि 14 लोगों को बरी कर दिया था.

बुधवार को इसी मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगा दी है. इधर, हार्दिक पटेल ने बुधवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से पहले विजय संकल्प यात्रा की शुरुआत की है. इसके तहत गुरुवार को वो द्वारिका मंदिर में पूजा करेंगे. ऐसे में हाइकोर्ट के इस फैसले को हार्दिक पटेल ने खुद के लिये एक बड़ी राहत माना है.

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25 अगस्त से हड़ताल पर बैठने वाले हैं हार्दिक

बता दें हार्दिक पटेल ने हाल ही में फिर से आरक्षण की मांग के साथ आंदोलन करने का ऐलान किया है. सिर्फ आंदोलन ही नहीं, हार्दिक ने इस बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की भी घोषणा की है. उन्होंने दावा किया है कि वह पाटीदारों को आरक्षण के लिए भूख हड़ताल करेंगे और यह आरक्षण मिल जाने के बाद ही खत्म होगी. उनका यह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 25 अगस्त से शुरू होगा.

गौरतलब है कि 25 अगस्त को पाटीदार क्रांति रैली के तीन साल पूरे हो रहे हैं. तीन साल पहले जब पहली बार पाटीदार समाज आरक्षण की मांग के साथ सड़कों पर उतरा था, तो उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन ने बंदूकों और लाठियों का जमकर इस्तेमाल किया था. जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी. इस आंदोलन के बाद बड़ी संख्या में पाटीदार समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे. जिससे गुस्साए पाटीदारों ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जमकर मुखालफत की थी. अब एक बार हार्दिक पेटल के नेतृत्व में पाटीदार समुदाय अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर आंदोलन के मूड में है.

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