Advertisement

बंदरों-कुत्तों से परेशान हैं एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर

देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स इन दिनों अस्पताल के कैंपस में घूम रहे आवारा कुत्तों और बंदरों से बेहद आतंकित हैं. कुत्तों का खौफ ऐसा कि डॉक्टरों को चलते-फिरते काट लेते हैं, यहां तक मरीज भी आवारा कुत्तों से परेशान हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
विवेक शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स इन दिनों अस्पताल के कैंपस में घूम रहे आवारा कुत्तों और बंदरों से बेहद आतंकित हैं. कुत्तों का खौफ ऐसा कि डॉक्टरों को चलते-फिरते काट लेते हैं, यहां तक मरीज भी आवारा कुत्तों से परेशान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कुत्तों के साथ-साथ कैंपस में बंदरों का जबरदस्त आतंक है.

डर का आलम ये है कि एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विजय ने संस्थान के डायरेक्टर को लिखित शिकायत तक दे डाली है. अपनी शिकायत में डॉक्टरों ने कहा है कि अस्पताल से लेकर हॉस्टल तक आवारा कुत्तों और बंदरों ने बुरा हाल किया हुआ है. चलते-फिरते लोगों के हाथ से ये खाने-पीने का सामान तो छीन ही लेते हैं, साथ ही साथ रोकने पर काट भी लेते हैं.

Advertisement

कैंपस में डॉग और मंकी बाइट के अनगिनत केस हो चुके हैं. मरीज और उनके परिजन इनसे और ज्यादा परेशान हैं. मरीजों को तो ये आसान शिकार समझ कर मनमानी करते ही हैं, मरीजों के परिजनों को भी काट लेते हैं. तमाम शिकायतों के बावजूद अब तक मसले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मरीज तो ज्यादातर मामलों की शिकायत भी नहीं कर पाते क्योंकि वो पहले ही इतने परेशान होते हैं.

चिट्ठी लिखकर डॉक्टरों ने पूछा है कि इनके काटने से अगर मरीजों की मौत होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? बंदर, कुत्ते या डॉक्टर?

डॉक्टरों ने मेनका गांधी से मिलकर भी मामले का समाधान निकालने की कोशिश की लेकिन खराब स्वास्थ्य की वजह से केंद्रीय मंत्री से इनकी भेंट नहीं हो पाई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement