
देश के कई हिस्सों में अभी भी नकदी की भारी किल्लत है. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने से और नए नोट के कम सर्कुलेशन की वजह से लोगों को नकदी की परेशानी हो रही है. लोगों की उम्मीद थी कि 30 दिसंबर के बाद हालात सामान्य हो जाएंगे. लेकिन खबरों की मानें तो 30 दिसंबर को पूरे हो रहे 50 दिन के अल्टीमेटम के बाद भी कैश निकासी पर राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं, यानी नए साल में भी बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की कतारों में कमी के आसार कम ही दिख रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो बैंक और एटीएम से सीमित कैश निकालने की पाबंदी 30 दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा. इसकी बड़ी वजह ये है कि मांग के मुताबिक करेंसी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. सूत्रों की मानें तो आरबीआई में नए नोटों की छपाई मांग के मुताबिक नहीं हो पा रही है.
30 दिसंबर के बाद भी कैश की किल्लत संभव
दरअसल नोटबंदी के ऐलान का 30 दिसंबर को 50 दिन पूरे होने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 500 और 1000 रुपये के नोट अवैध घोषित करते हुए लोगों से 30 दिसंबर तक का वक्त मांगा था. उन्होंने कहा कि इन 50 दिनों में लोगों को कैश की किल्लत हो सकती है. लेकिन 30 दिसंबर के बाद हालात पहले जैसे सामान्य हो जाएंगे.
नए नोट कम छपने से समस्या
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के साथ ही आरबीआई ने कैश निकासी को लेकर नए गाइडलाइंस जारी कर दिया था. शुरुआत में एटीएम से हर रोज 2000 रुपये तक निकालने की छूट दी जिसे बाद में बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया. वहीं बैंक से हफ्ते में 24 हजार रुपये तक निकालने की छूट है. आज की बात करें तो एटीएम से एक रोज में ढाई हजार रुपये और बैंक से हफ्तेभर में 24000 रुपये निकालने का नियम है.
नकदी को लेकर लोग परेशान
गौरतलब है कि दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में अब भी लोगों की नकदी को लेकर भारी शिकायत है. बैंक और एटीएम के बाहर लाइनें कम नहीं हो रही हैं. वहीं विपक्ष नोटबंदी को लेकर लगातार पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोल रहा है. शनिवार को पीएम मोदी ने भी मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 30 दिसंबर के बाद आम जनता की परेशानी कम होने वाली है और कालेधन रखने वालों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं.