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JK: गृह मंत्रालय की मंजूरी, राजीव राय उप-राज्यपाल के सलाहकार नियुक्त

गृह मंत्रालय ने रिटायर्ड IPS अधिकारी राजीव राय भटनागर को जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. राजीव राय भटनागर सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं.

जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू (फाइल फोटो-ANI) जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू (फाइल फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

  • राजीव राय भटनागर बने उप राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार
  • CRPF के महानिदेशक के तौर पर दे चुके हैं अपनी सेवाएं

गृह मंत्रालय ने रिटायर्ड IPS अधिकारी राजीव राय भटनागर को जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. राजीव राय भटनागर सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे राजीव राय भटनागर उत्तर प्रदेश काडर से हैं. नक्सली हिंसा रोकने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है.

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गौरतलब है कि उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के लिए सलाहकार की मांग हो रही थी. 60 साल के गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसर हैं और वह गुजरात कैडर के अधिकारी रह चुके हैं. जब से गिरीश चंद्र मुर्मू उपराज्यपाल बने हैं, तबसे कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, और जनजीवन पटरी पर लौट रहा है.

गिरीश चंद्र मुर्मू नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल हैं. अनुच्छेद 370 हटने के बाद उन्हें राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखना उनके लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में सलाहकार की उन्हें पद संभालने के बाद से ही जरूरत है.

गिरीश चंद्र मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधान सचिव रहे हैं. मुर्मू की गिनती नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी अफसरों में होती है और उन्हें मोदी के कार्यकाल के दौरान गुजरात में अहम जिम्मेदारी मिली हुई थी.

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वरिष्ठ आईएएस गिरीश चंद्र मुर्मू वित्त ने 2019 के शुरुआत में वित्त विभाग में व्यय विभाग के सचिव का पद संभाला था, जबकि उनके नाम का ऐलान 2018 नवंबर में हो गया था.

प्रधानमंत्री के पसंदीदा आईएएस अफसरों में शुमार किए जाने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू उस समय चर्चा में आए जब सरकार का खजाना खाली हो गया था और सरकार पर पैसों की कमी दूर करने का संकट बना हुआ था तो जुलाई में उनको अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. तब उन्होंने 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र के लिए ज्यादा राजस्व की बात कही थी.

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