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PAK की हरकतों से निपटने के लिए रिटायर्ड जवानों की मदद लेगी राजस्थान सरकार

भारत पाकिस्तान सरहद की राजस्थान से लगती 1070 किलोमीटर लंबी सरहद पर को पाकिस्तान की नापाक हरकतों से बचाने की पूरी तैयारी की जा रही है.

रिटायर्ड जवानों में भी उत्साह रिटायर्ड जवानों में भी उत्साह
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 28 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

जम्मू कश्मीर के उरी में हुए हमले के बाद हाई अलर्ट पर आई सरहद में सेना की बढ़ चुकी मुस्तेदी के बाद अब पुलिस ने भी गम्भीर कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर, बाकानेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों की पुलिस ने सरहदी थानों पर तैनात जवानों को अत्याधुनिक हथियारों के बारे में सिखाने के साथ साथ पुलिस मित्र मंडल के नाम से हजारों रिटायर्ड अधिकारियों और जवानों की फौज भी तैयार की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि ये से युद्ध के अलावा दूसरे आपात स्थिति जैसे बाढ़, आगजनी, भूकंप, प्राकृतिक आपदा के समय भी सहयोग लिया जा सकेगा.

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भारत पाकिस्तान सरहद की राजस्थान से लगती 1070 किलोमीटर लंबी सरहद पर को पाकिस्तान की नापाक हरकतों से बचाने की पूरी तैयारी की जा रही है. आमतौर पर शांत सरहद माने जाने वाली राजस्थान की सरहद भी उरी में हुए हमलों के बाद हाई अलर्ट पर है. यहां तक की बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जैसे इलाके में सेवानिवृत हो चुके सेना, बीएसएफ और पेरामिल्ट्री सेना के अधिकारियों और जवानों की सूचियां भी तैयार करवाई जा रही है.

सीमावर्ती जिलों में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए बाड़मेर पुलिस द्वारा सेवानिवृत अधिकारियों और जवानों की तैयार की गई सूचि के बाद पहली बार सेवानिवृत अधिकारियो और जवानों की पहली बैठक भी थानाधिकारियों की अध्यक्षता में आयोजित भी की गई, जिसमें सेवानिवृत अधिकारियों और जवानों ने कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस का हर स्तर पर सहयोग करने की बात कही. वहीं अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद के अध्य्क्ष पूर्व कैप्टन हीरसिंह भाटी के मुताबिक बाड़मेर पुलिस कप्तान ने जो यह पहल की है इसको देखकर बड़ा अच्छा लगा.

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बाड़मेर पुलिस अधीक्षक डॉ. गगनदीप सिंगला के अनुसार बाड़मेर पुलिस एक योजना शुरू करने जा रही है जिसका नाम है पुलिस मित्र मंडल जिसमे रिटायर्ड फोर्स में पुलिस, आर्मी, बीएसएफ, नेवी सहित वर्दीधारी बल के सेवानिवृत जवान और अधिकारी शामिल किए गए हैं और इस रिटायर्ड फोर्स का सहयोग युद्ध जैसे हालात या बाढ़, आगजनी, भूकंप और प्राकृतिक आपदा के साथ साथ कानून व्यवस्था को बनाए रखने, पुलिस जवानों को प्रशिक्षण देने, पुलिसिंग कार्य का फीडबैक में भी सहयोग लिया जाएगा.

इसी तरह से जैसलमेर और बीकानेर में भी एक्स आर्मी मैन की सूची बनाकर थानों को सौंपे जा रहे हैं और थानों के आसपास और छतों पर बंकर भी पुलिस बनवा रही है. साथ हीं सरहदी इलाकों के सभी थानों में अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध करवाकर ट्रेनिंग करवाई जा रही है.

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