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आपत्तिजनक मैसेज को रिट्वीट करने पर भी चल सकता है मुकदमा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में आप नेता दीपक बाजपेयी की याचिका खारिज कर ये साफ कर दिया कि बिना सोचे समझे या जानबूझ कर किसी भी आपत्तिजनक या अपमानजनक ट्वीट मैसेज को रिट्वीट करना भी अपराध हो सकता है.

 आपत्तिजनक या अपमानजनक ट्वीट मैसेज को रिट्वीट करना भी हो सकता है अपराध आपत्तिजनक या अपमानजनक ट्वीट मैसेज को रिट्वीट करना भी हो सकता है अपराध
संजय शर्मा/संध्या द्विवेदी
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  • 04 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में आप नेता दीपक बाजपेयी की याचिका खारिज कर ये साफ कर दिया कि बिना सोचे समझे या जानबूझ कर किसी भी आपत्तिजनक या अपमानजनक ट्वीट मैसेज को रिट्वीट करना भी अपराध हो सकता है अगर कोई उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाख़िल कर दे।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अरूण जेटली की ओर से आप नेता दीपक बाजपेयी सहित पांच नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला चलता रहेगा। दीपक बाजपेयी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटियाला हाउस कोर्ट के समन को रद्द करने की मांग की थी। दीपक की दलील थी कि वो दिल्ली के रहने वाले नहीं हैं। वो तो यूपी के निवासी हैं। कानून के मुताबिक अपने क्षेत्राधिकार से बाहर कोर्ट को समन भेजने से पहले जांच करनी होती है। लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने ये सब कवायद नहीं की। इसलिए समन रद्द किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को दरकिनार करते हुए साफ साफ कहा कि इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस याचिका को 458 दिनों की देरी से दाखिल करने की वजह से खारिज कर दिया था।

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अरुण जेटली के आपराधिक मानहानि के मामले में दीपक बाजपेयी पहले आरोपी नहीं हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और औंधे मुंह गिरे।  इनसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आप प्रवक्ता राघव चड्ढा की याचिका भी खारिज कर दी थी। चड्ढा ने कहा था कि उन्होंने सिर्फ केजरीवाल के ट्वीट को रिट्वीट किया था। लिहाज़ा ये मानहानि का मामला ही नहीं बनता।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पटियाला हाउस में ये मामला अब बेरोकटोक आगे बढ़ेगा। केजरिवाल ने DDCA मामले में ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद जेटली ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, आशुतोष, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी को आपराधिक मानहानि का आरोपी बनाते हुए मुकदमा दायर किया था।

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