
हरियाणा में खट्टर सरकार के आने के साथ ही अफसरशाही में भी बदलाव आ गया है. राजस्व विभाग ने वाड्रा लैंड डील मामले में गठित जांच कमेटी के फैसले पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. ऐसे में अगर राजस्व विभाग की रिपोर्ट पर खट्टर सरकार ने संज्ञान लिया तो जांच कमेटी की मुश्किलें बढ़ सकती है.
राजस्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को जांच के लिए गठित कमेटी से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए. विभाग ने यह सवाल भी उठाया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी शिकोहपुर (गुड़गांव) के मामले में तथ्यों को नजरअंदाज को क्यों किया गया, जबकि सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के पास जमीन थी.
जांच कमेटी की रिपोर्ट पर राजस्व विभाग के रुख के बाद अब मौजूदा सरकार तय करेगी कि कमेटी की रिपोर्ट अमल करने योग्य है या नहीं. पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गठित इस कमेटी में तीन आईएएस अधिकारी हैं. कमेटी की अध्यक्षता वर्तमान में सेवानिवृत्त हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस कृष्ण मोहन कर रहे थे.
राजस्व विभाग की सिफारिशों पर सरकार ने गौर किया तो आने वाले समय में सीएलयू देने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को भी खुली छूट नहीं मिल पाएगी. इस बात की सिफारिश भी राजस्व विभाग की रिपोर्ट में है. फिलहाल यह रिपोर्ट राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के पास है.