
27 साल की टिंटू लुका केरल के कुन्नूर जिले की रहने वाली भारतीय महिला एथलीट हैं. वो रियो ओलंपिक में 800 मीटर रेस में भारत की दावेदारी पेश करेंगी. टिंटू को उड़नपरी पीटी उषा की सबसे चहेती शिष्या हैं. टिंटू ने करीब एक साल पहले 2015 में रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था.
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियन के फाइनल में नहीं पहुंच सकीं
टिंटू पिछले एक साल से रियो ओलंपिक के लिए अपनी तैयारियों को दुरूस्त करने में लगी हैं. उन्होंने विदेशों में भी ट्रेनिंग ली. हालांकि वो वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में वो पहुंचने में नाकाम रहीं. लेकिन उन्होंने अपने जीवन का बेस्ट टाइम 2.00.93 मिनट निकाल कर ओलंपिक टिकट जरूर हासिल किया.
टिंटू से हैं उम्मीदें
देश की महानतम एथलीट ऊषा को अपनी प्रिय शिष्य टिंटू पर पूरा भरोसा है कि वो रियो की 800 मीटर रेस में शानदार प्रदर्शन करेंगी और उस सपने को साकार करेंगी, जो वो खुद नहीं कर सकीं. टिंटू की गिनती एशिया की बेस्ट एथलीटों में होती है. रियो ओलंपिक में अगर वो बेहतरीन फॉर्म में रहीं. तो वो फाइनल में दौड़ने के लिए अपना दावा ठोक सकती हैं. पीटी उषा ने उन्हें बचपन से रेस के गुर सिखाए हैं. टिंटू ने 2012 लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था लेकिन वो कोई खास कमाल नहीं दिखा सकीं.
पदक की उम्मीद ना के बराबर
इस बार टिंटू की तैयारी पहले से काफी बेहतर है और उन्होंने अपनी पिछली गलतियों से काफी सबक लिया है. 800 मीटर रेस में ओलंपिक क्वाॅलिफकेशन मार्क 2:01:00 है. इसे देखकर उनका फाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है. 800 मीटर रेस में ओलंपिक रिकॉर्ड 1:53:43 मिनट है. जो सोवियत संघ की नादेजा ओलिजारेंको के नाम है. ओलिजारेंको ने 1980 मॉस्को ओलंपिक में बनाया था. टिंटू ने अबतक छह मेडल एशियाई चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं. जिसमें दो गोल्ड, दो रजत और दो कांस्य हैं. इसके अलावा टिंटू ने 2010 में गुआंग्झू एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता, जिसमें उन्होंने 1:59:17 का समय निकाला और पूर्व भारतीय एथलीट शाइनी विल्सन का रिकॉर्ड तोड़ा. इसके अलावा 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में 400 मीटर रिले का गोल्ड और 800 मीटर में रजत अपने नाम किया था.