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ऋषभ पंत ने कहा- पापा के जाने के बाद टूट चुका था, लेकिन वे चाहते थे मैं क्रिकेट खेलूं

ऋषभ पंत ने कहा, पापा हमेशा चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं. वो हमेशा मुझे बढ़ावा देते थे. मैंने उनकी प्रेरणा से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया.

ऋषभ पंत ऋषभ पंत
विजय रावत
  • नई दिल्ली ,
  • 22 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:14 PM IST

19 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपने पिता की मौत के बाद भी मैदान पर उतरकर अपनी टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए परफॉर्म किया. खुद ऋषभ ने अब खुलासा किया है कि अपना फर्ज निभाने की ये प्रेरणा उन्हें अपने दिवंगत पिता से ही मिली.

ऋषभ पंत ने कहा, पापा हमेशा चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं. वो हमेशा मुझे बढ़ावा देते थे. मैंने उनकी प्रेरणा से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसीलिए उनके जाने के बाद भी मैं मैदान पर उतरा और अपना फर्ज निभाया.

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पिता की मौत के बाद बेंगलुरु के खिलाफ बरसे
ऋषभ पंत आईपीएल 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेल रहे हैं. लीग शुरू होने से कुछ दिन पहले ही उनके पिता गुजर गए. पंत के लिए ये जिंदगी का सबसे बड़ा झटका था. कुछ ही दिन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ दिल्ली का पहला मैच था. पंत का खेलना मुश्किल था. लेकिन मानसिक मजबूती और क्रिकेट को लेकर अपनी मोहब्बत का बड़ा उदाहरण पेश करते हुए ये युवा खिलाड़ी न सिर्फ मैदान पर उतरा, बल्कि 36 गेंद पर 57 रन की यादगार पारी भी खेल डाली. बेहद मुश्किल वक्त में पंत की इस दिलेरी का पूरा क्रिकेट जगत कायल हो गया.

सचिन-कोहली के बाद पंत ने भी दिखाई हिम्मत
अपने इस मुश्किल वक्त को याद करते हुए पंत ने कहा, भावनात्मक रूप से ये मेरी जिंदगी की सबसे मुश्किल पारी थी. मैं पूरी तरह टूट चुका था. लेकिन पापा चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं. वो चाहते थे कि मैं लंबे वक्त तक भारत के लिए खेलूं. उनकी प्रेरणा से ही मैंने मैदान पर उतरने का फैसला किया.

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इस हिम्मती कदम के साथ ही पंत सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली सरीखे साहस की श्रेणी में आ गए हैं. ये दोनों खिलाड़ी भी अपने पिता की मौत के बात मैदान पर उतरकर मिसाल पेश कर चुके हैं.

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