
जनता दल यू ने कहा है कि लालू प्रसाद को भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक छुतक लग चुका है. अब सजा का ऐलान होना है. पर सजा की अवधि के ऐलान से पहले ही आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने मीडिया के माध्यम से न्यायपालिका को जातीय आवरण में घेरने की कोशिश की है.
निश्चित रूप से यह न्यायपालिका पर एक सीधा प्रहार है. साथ ही साथ सामाजिक न्याय के पाखंड करने वाले लोग, जो संपत्ति सृजन में लगे रहते हैं, उनके राजनीतिक महापाप को जातीय आवरण में घेरने की कोशिश है, जो दुखद है.
जनता दल यू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि शिवानंद तिवारी के मन में लालू प्रसाद के परिवार के प्रति जो पुरानी दुश्मनी और घृणा का भाव था, आज उसका बेस्ट राजनीतिक सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया. नीरज कुमार ने शिवानंद तिवारी से सवाल करते हुए पूछा कि शिवानंद तिवारी जी बताएं कि क्या भ्रष्टाचार के माध्यम से सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी जा सकती है? क्या भ्रष्टाचार के माध्यम से धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ी जा सकती है?
नीरज कुमार ने कहा कि शिवानंद तिवारी ने लालू परिवार को आईना दिखाया है. आज उन्होंने लालू प्रसाद को सजा के ऐलान से पहले न्यायपालिका को कठघरे में खड़ा कर दिया.
पूरे घटनाक्रम से यह प्रमाणित हो रहा है कि लालू प्रसाद जो कि सजायाफ्ता होने के बावजूद नया सजा मुकर्रर होने के दौर में हैं, लेकिन राजनीति के नए दौर में आरजेडी के अंदर एक नए राजनीतिक विभीषण का पदार्पण हो गया है.
इनकी मंशा स्पष्ट है कि आदरणीय लालू जी आप जेल की सलाखों के भीतर रहिये. न्यायपालिका को कटघरे में खड़ा कर बाबा ने तेजस्वी, तेजप्रताप, राबड़ी देवी को एहसास करा दिया कि दुश्मन खोजने की जरुरत नहीं है, वो साक्षात विराजमान हैं. बाबा का जहां-जहां पग पड़ा है, उनको पार लगाया है और पार लगाने का अंतिम पायदान जो है, वह लालू जी का परिवार है.