
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार और पार्टी राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्योंकि मंगलवार को आरजेडी की जो बैठक हुई उससे तो यही संकेत मिल रहे हैं. दरअसल राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप ने मंगलवार को हुई पार्टी की बैठक से गायब थे. वहीं, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी तेजप्रताप के समर्थकों की बहुप्रचारित पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने से मना कर दिया.
पटना में आरजेडी नेताओं की हाईलेवल बैठक हुई. बैठक में आरजेडी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को बुलाया गया था. लेकिन इस बैठक में लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को कोई तवज्जो नहीं दी गई. बैठक में तेजप्रताप यादव कहीं दिखे ही नहीं. ऐसा पहली बार हुआ है कि आरजेडी की किसी बैठक में तेजप्रताप यादव कहीं नजर नहीं आए. वो भी तब जब तेजप्रताप उसी कैंपस में थे जहां बैठक हो रही थी.
तेजस्वी ने नहीं दिखाई हरी झंडी
तेजप्रताप यादव छात्र आरजेडी का काम देखते हैं. छात्र आरजेडी ने एक सप्ताह पहले ही 11 सितंबर से पटना से लेकर सिताब दियारा तक पदयात्रा करने का ऐलान किया था. कहा ये गया था कि इस यात्रा को तेजस्वी यादव हरी झंडी दिखाएंगे और इसमें शामिल भी होंगे.
तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक छात्र आरजेडी के नेता यात्रा शुरू करने के लिए लालू-राबड़ी के आवास 10, सर्कुलर रोड के सामने इकट्ठा हुए. तेजस्वी को यात्रा को हरी झंडी दिखानी थी. वे घंटों इंतजार करते रहे. लेकिन तेजस्वी बाहर निकले ही नहीं. हारकर तेजप्रताप यादव ने यात्रा को हरी झंडी दिखायी. पार्टी का कोई सीनियर लीडर इस मौके पर मौजूद नहीं था.
सियासी हलके में चर्चा यही है कि तेजप्रताप को आरजेडी ने किनारे कर दिया है. तेजप्रताप ने कुछ दिन पहले मथुरा में एसटी/एसटी एक्ट को लेकर बयान दिया था और कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. तेजप्रताप के इस बयान से आरजेडी में खलबली मच गई. पार्टी ने अपनी बैठक में तेजप्रताप के बयानों से उलट सवर्णों को आरक्षण देने की मांग से मुकरते हुए कहा कि पहले जातीय जनगणना सार्वजनिक हो.