
हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड को 2008 में दिया गया रियल एस्टेट डेवलपमेंट लाइसेंस यानी कॉलोनाइजेशन लाइसेंस कैंसिल करने की तैयारी कर रहा है.
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड को गुरुग्राम में 3.53 एकड़ जमीन 7.50 करोड़ की कीमत पर कॉलोनी डेवलप करने के नाम पर दी गई थी और हरियाणा सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को लाइसेंस दिया था. लेकिन कॉलोनी विकसित करने की बजाय रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 2012 में 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया था.
हरियाणा सरकार से कम दाम पर मिली इस जमीन को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेचकर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने करोड़ों का मुनाफा कमाया था. हरियाणा सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को कॉलोनी डेवलपमेंट करने के लिए दिए गए लाइसेंस को कैंसिल करने के लिए तमाम जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं.
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 18 सितंबर 2012 को सेल डील के जरिए इस जमीन को तो डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया था लेकिन हरियाणा सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने लाइसेंस को ट्रांसफर करने की फाइनल परमिशन नहीं दी थी.
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस के लिए 2012 से लेकर अब तक डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड रिन्यूअल फीस तो भरती आ रही है लेकिन आधिकारिक तौर पर लाइसेंस को अब तक ट्रांसफर नहीं किया गया है.