
अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमान हिंदुस्तान के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं. वेस्ट बंगाल बॉर्डर पर पहले से ही एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन चुके रोहिंग्या अब देश भर में तबाही फैलाने की साजिश में जुटे हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को एक्सप्लाइट कर आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, साल 2013 में नेपाल बार्डर से पकड़े गए अब्दुल करीम टुंडा ने सबसे पहले देश की जांच एजेंसियों के सामने हिंदुस्तान की नई सिरदर्दी का खुलासा कर दिया था. इस अलर्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने कोलकोता से 2 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया, तो मोदी सरकार अगले कुछ दिनों रोहिंग्या मुसलमानों पर एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रही है.
रोहिंग्या नाम कुछ लोगों के लिए नया हो, लेकिन हिंदुस्तान के हर कोने में बड़े पैमाने पर मौजूद रोहिंग्या मुस्लिम देश के लिए खतरे की घंटी बजा चुके हैं. देश की जांच एजेंसियों को लगातार मिल रहे इनपुट के मुताबिक म्यांमार के रोहिंग्या देश में आतंकी गतिविधियां बड़े पैमाने पर फैलाने की फिराक हैं. इनके पीछे आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा असली चेहरा है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत तमाम एजेंसियां रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और धड़-पकड़ में जुटी हैं. दिल्ली पुलिस ने कोलकाता से 2 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था, जो आतंकी वारदातों को अंजाम देकर वेस्ट बंगाल के अपना ठीकाना बनाए हुए थे. एक ग्रुप ने वीडियो जारी कर रोहिंग्या मुसमानों को जेहाद के रास्ते पर लौटने की गुजारिश की है.
दरअसल, रोहिंग्या मुसलमान के रहन, सहन, खान-पान और तमाम तौर-तरीके बंगालियों की तरह होते हैं, लिहाजा इनकी पहचान करना काफी मुश्किल होता है. वेस्ट बंगाल के बॉर्डर इलाकों में बड़े पैमाने पर इन लोगों ने अपना ठीकाना बना लिया है. वहीं से गैर-कानून धंधों के अलावा पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब बड़ी मुश्किल बन चुके हैं.
रोहिंग्या मुसलमानों की आड़ में हिदुस्तान में बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने की पाकिस्तानी साजिश का खुलासा साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने कर दिया था. अब्दुल टुंडा से पूछताछ में खुलासा हुआ कि आईएसआई और आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को दहशत फैलाने की ट्रेनिंग देने के साथ ही हथियार मुहैय्या करवा रहे हैं.
इतना ही नहीं रोहिंग्या मुसलमानों के कई लीडर करांची में पनाह भी लिए हुए हैं. रोहिंग्या ने सबसे पहले जेहादी ग्रुप खड़ा किया. इसका नाम रोहिंग्या एकता संगठन है. इसके चीफ युसुफ को आमिर का दर्जा दिया गया. रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी के ट्रेनिंग कैंप में मौत-बांटने की ट्रेनिंग दी जाती है. यहां बड़े आतंकी मौजूद होते हैं.
साल 1994 में पहली बार रोहिंग्या चीफ युनुस पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के कांफ्रेंस में पहुंचा. वहां हाफिज सईद ने रोहिंग्या मुसलमानों के लिए पाकिस्तान आवाम से पैसे देने की बात कही गई. इनके कई आतंकी ग्रुप बन चुके हैं. आकरन रोहिंग्या इस्लामिक फ्रंट का चीफ ब्रिटेन में रह कर भारत-बांग्लादेश और भारत-बर्मा बार्डर पर आतंक फैला रहा है.
करांची में मौजूद अब्दुल कूदुस बर्मी और अब्दुल हामिद रोहिंग्या मुसलमानों के आतंकी ग्रुप का सबसे बड़ा चेहरा बने हुए हैं. ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के इशारे पर भारत-बांग्लादेश और बर्मा में तबाही मचाने की साजिश रच रहे हैं. हिंदुस्तान में रोहिंग्या के हक की बात उठाने के लिए कइ बार आतंकी हमले हुए और गया के बौद्ध मंदिर को निशाना बनाया गया.