Advertisement

SC में रोहिंग्या मुसलमानों की अर्जी- हम आतंकी नहीं है, गरीब मुसलमान हैं

याचिका में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस ने एक साल पहले हर रोहिंग्या परिवार की गहन जांच की थी. साथ ही ये भी बताया गया, 'पुलिस ने हर परिवार की पूरी जानकारी जुटाई थी.

सोमवार को याचिका पर सुनवाई सोमवार को याचिका पर सुनवाई
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को भारत से बाहर निकाले जाने के सरकार के कदम के बीच समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. समुदाय ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि उनका आतंकवाद और किसी आतंकी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है.

अपनी याचिका में रोहिंग्या समुदाय ने ये भी कहा कि उन्हें सिर्फ मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है. जम्मू में रहने वाले करीब 7 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों की तरफ से दायर इस याचिका में कहा गया है, 'हमारा आतंकवाद से कोई वास्ता नहीं है. यहां तक कि जब से हम जम्मू में रह रहे हैं, हम पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगा. हमारे बीच से कोई एक व्यक्ति भी आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं पाया गया'.

Advertisement

पुलिस के पास सभी जानकारी

याचिका में ये भी कहा गया है कि स्थानीय पुलिस ने एक साल पहले हर रोहिंग्या परिवार की गहन जांच की थी. साथ ही ये भी बताया गया, 'पुलिस ने हर परिवार की पूरी जानकारी जुटाई थी. हर महीने पुलिस यहां जांच पड़ताल करती है. सभी रोहिंग्या शरणार्थी पुलिस का सहयोग करते हैं और उन्हें सभी आवश्यक जानकारी देते हैं. हमारे बीच एक भी आतंकी नहीं है'.

केंद्र का कदम अधिकारों के खिलाफ

रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के कदम को समानता के अधिकार के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा है कि हम गरीब हैं और मुसलमान हैं, इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है.

सोमवार को होगी सुनवाई

इस याचिका पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच इस मसले पर सुनवाई करेगी.

Advertisement

भूषण की याचिका पर भी सुनवाई

रोहिंग्या शरणार्थियों की इस याचिका के साथ ही मशहूर वकील प्रशांत भूषण की अपील पर भी सुनवाई की जाएगी. भूषण ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के विरोध में ये अपील दायर की है.

बता दें कि गृह मंत्रालय के मुताबिक, वैध तौर पर 14 हजार से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह रहे हैं. जबकि 40 हजार से ज्यादा ऐसे हैं, जो अवैध रूप से शरण लिए हुए हैं. ये भी बता दें कि भारत सरकार ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने का फैसला किया है. जबकि वहां से समुदाय के लोगों पर अत्याचार की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

UNHRC की झिड़की, रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से बाहर नहीं कर सकता भारत

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement