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नागपुर: राहुल गांधी ने बाबा साहेब अंबेडकर से की रोहित वेमुला की तुलना, BJP पर बरसे

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में खुदकुशी करने वाले रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की तुलना बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से की.

अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम पर बोले राहुल गांधी अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम पर बोले राहुल गांधी
कमलेश सुतार
  • नागपुर,
  • 11 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:38 AM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में खुदकुशी करने वाले रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की तुलना बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से की. अंबेडकर की 125वीं जयंती के लिए नागपुर में मनाए जा रहे एक कार्यक्रम में सोमवार को उन्होंने कहा कि वेमुला ने भी अंबेडकर की तरह मुद्दे उठाए, लेकिन केंद्र सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है.

आरएसएस के इशारे पर चलती है सरकार
राहुल ने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने उन्हें दूसरे छात्रों से अलग बैठाए जाने पर आवाज उठाई थी. वेमुला ने भी इस असमानता के खिलाफ आवाज उठाई, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार आरएसएस की सोच को पूरा करने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी महीने में वेमुला ने खुदकुशी कर ली. उसे एंटी नेशनल कहा गया क्योंकि वह बीजेपी के स्टूडेंट विंग एबीवीपी से लड़ रहा था.

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अंबेडकर को हाईजैक करने की साजिश
राहुल ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वेमुला को यूनिवर्सिटी से निकलवा दिया था. क्योंकि वह आरक्षण की दोहरी नीति का पर्दाफाश कर रहा था. पीएम मोदी खुद को अंबेडकर का अनुयायी बताते हैं, लेकिन उनकी सरकार पिछड़ों की सुविधाएं बंद कर रही है. वे लोग आरक्षण को बंद करना चाहते हैं, लेकिन अंबेडकर के विचारों को हाईजैक करना चाहते हैं.

हमेशा मनुवाद के खिलाफ लड़ी कांग्रेस
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मनुवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. मनु और उनकी सोच को हमने संविधान के जरिए सबसे बड़ी चोट मारी है. कांग्रेस गरीबों और कमजोरों की रक्षा करती है. वहीं बीजेपी और आरएसएस वाले मनु की सोच को बचाना चाहते हैं.

संविधान के खिलाफ गिराई सरकारें
इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की परवाह नहीं करते हुए मोदी सरकार अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हमारी चुनी हुई सरकार को गिरा चुकी है और अब हिमाचल की तरफ देख रही है. बीजेपी और आरएसएस वालों ने कभी आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी. अगर अंबेडकर आज होते तो उन लोगों से नफरत कर रहे होते.

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