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स्मृति ने दत्तात्रेय का किया बचाव, कहा- रोहित वेमुला की खुदकुशी दलित-गैरदलित मामला नहीं

स्मृति ईरानी ने आगे कहा, 'मैं इस घटना से बेहद दुखी हूं. यह मामला अगस्त का है. छात्रों के बीच विवाद हुआ और एक छात्र के साथ मारपीट की गई. छात्र की मां ने इस संबंध में कोर्ट में केस किया. जिसके बाद इस पर कार्रवाई हुई और कमिटी ने उनके निलंबन का फैसला लिया.'

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

हैदराबाद में छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी मामले में विपक्ष का चौतरफा वार झेल रही मोदी सरकार ने बुधवार को इस ओर अपनी सफाई पेश की है. केंद्रीय मानव संसाधन और शि‍क्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला दलित बनाम गैर दलित का नहीं है, जैसा कि इसे पेश किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र के सुसाइड नोट में किसी संस्था, दल या अधिकारी का जिक्र नहीं.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्मृति ईरानी ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला की आत्महत्या पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही कहा, 'यह मुद्दा दलित और गैरदलित का नहीं है, जैसा कि इसे पेश किया जा रहा है. हमारे पास विश्वविद्यालय, पुलिस और अन्य स्त्रोत से जो जानकारी है उसे हम आस सभी के सामने रख रहे हैं.'

'एक मां और मंत्री होने के नाते दुखी हूं'
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, 'मैं इस घटना से बेहद दुखी हूं. यह मामला अगस्त का है. छात्रों के बीच विवाद हुआ और एक छात्र के साथ मारपीट की गई. छात्र की मां ने इस संबंध में कोर्ट में केस किया. जिसके बाद इस पर कार्रवाई हुई और कमिटी ने उनके निलंबन का फैसला लिया. जिस कमिटी ने यह फैसला लिया उसमें दलित प्रोफेसर भी हैं, जिन्होंने मिलकर यह फैसला लिया है.' उन्होंने कहा कि वह एक मां और मंत्री होने के नाते रोहित की मौत से दुखी हैं.

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मंत्री ने आगे कहा, 'कुछ मीडिया चैनल और राजनीतिक पार्टियां इसे दलित मुद्दा बता रही हैं, जो ठीक नहीं है. मेरे पास उस छात्र का अंतिम पत्र है पुलिस ने इसे वेरिफाई किया है. उसने अपनी चिट्ठी में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा, जिससे यह मामला दलित के साथ जोड़कर देखा जाए. इस मामले में जैसी भी कार्रवाई हुई वो सही थी और कमिटी ने भी इसे सही ठहराया था.'

'कांग्रेस के साथी ने भी लिखी थी चिट्ठी'
स्मृति ईरानी ने सांसद की शि‍कायत पर कहा कि ऐसा नहीं है कि बंडारू दत्तात्रेय ने सिर्फ चिट्ठी लिखी, अन्य लोगों ने भी इस घटना से हमें अवगत करवाया जिसमें कांग्रेस के साथी हनुमंत राव भी शामिल हैं. मंत्रालय को सांसदों की चिट्ठी पर जवाब देना होता है वो भी तय समय सीमा के अंदर. जो भी कार्रवाई हुई है वो नियम के अनुसार हुई.

'दत्तात्रेय भी ओबीसी परिवार से आते हैं'
अन्य सवालों पर स्मृति ईरानी ने कहा कि बुधवार को केंद्रीय कमिटी वापस आ रही है और उनकी द्वारा जानकारी मिलने के बाद ही मैं इस पर पूरी तरह टिप्पणी कर पाऊंगी. स्मृति ईरानी ने बार- बार एक ही बात दोहराई की मामला दलित-गैरदलित नहीं है. जिस छात्र की पिटाई हुई वह भी ओबीसी है, दत्तात्रेय भी ओबीसी परिवार से आते हैं तो इसे जातीय मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों पर स्मृति ईरानी ने कहा, 'हमने वही किया जो हमें करना चाहिए. कमिटी का फैसला भी ठीक था और कोर्ट ने भी इसमें दखल दिया था.

बंडारू दत्तात्रेय ने भी दी सफाई
दूसरी ओर, सांसद और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भी इस ओर अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने बुधवार को कहा, 'रोहित वेमुला की मौत के बारे में जानकार मुझे बहुत दुख हुआ. मैं इस बारे में कुछ बातें स्पष्ट करना चाहता हूं. 10 अगस्त 2015 को मुझे यूनिवर्सिटी के स्टेट अफेयर्स के प्रतिनिधि‍त्व से कुछ शि‍कायतें मिलीं, जिनसे मैं बहुत आहत हुआ. मैंने उसे मानव संसाधन और विकास मंत्रालय को भेज दिया. 29 अगस्त को मुझे दूसरी बार शि‍कायत मिली, जिसे मैंने फिर मंत्रालय को भेज दिया और मांग की कि वह मामले में दखल दें.'

दत्तात्रेय ने आगे कहा, 'हैदराबाद यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्थान है और इसकी प्रशासनिक कार्रवाई में मेरी कोई भूमिका नहीं है. मेरी भूमिका बस इन दो प्रतिनिधत्व वाली शि‍कायतों तक स‍िमित है. अगर संस्थान की किसी अन्य छात्र समूह या संगठन से भी कोई प्रतिनिधत्व आकर मुझसे मिलता और अपनी बात रखता तो मैं उसे भी आगे बढ़ाता.'

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