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भावनगर के घोघा से दहेज के बीच वाहनों के लिए शुरू होगी रो-रो फेरी सर्विस

आम तौर पर दक्षिण गुजरात के दहेज से सौराष्ट्र के भावनगर का सफर 310 क‍िमी का होता है ज‍िसमें सड़क के रास्ते 9 घंटे लगते हैं. रो-रो फेरी की वजह से अब ट्रक कार जैसे वाहन भी महज 2 घंटे में दहेज से घोघा पोर्ट तक का सफर कर पाएंगे.

प्रतीकात्मक  फोटो (Photo: aajtak) प्रतीकात्मक फोटो (Photo: aajtak)
गोपी घांघर/श्याम सुंदर गोयल
  • अहमदाबाद,
  • 25 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

गुजरात में भावनगर के घोघा पोर्ट से दहेज के बीच प्रधानमंत्री के जर‍िए पैसेंजर रो-रो फेरी सर्विस शुरू करने के बाद अब वाहनों के लिये भी रो-रो फेरी सर्विस शुरू की जा रही है ज‍िसमें ट्रक, कार जैसे वाहन बोट में घोघा पोर्ट से सीधे दहेज में उतरेंगे. इस पहली रो-रो फेरी में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपने पूरे सुरक्षा घेरे के साथ घोघा से दहेज तक का सफर तय करेंगे.

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आम तौर पर दक्षिण गुजरात के दहेज से सौराष्ट्र के भावनगर का सफर 310 क‍िमी का होता है ज‍िसमें सड़क के रास्ते 9 घंटे लगते हैं. रो-रो फेरी की वजह से अब ट्रक कार जैसे वाहन भी महज 2 घंटे में दहेज से घोघा पोर्ट  तक का सफर कर पाएंगे. वाहनों के लिये शुरू हो रही इस रो-रो फेरी में 150 ज‍ितने बड़े ट्रक के साथ यात्रा कर सकते हैं. वहीं, कार की बात की जाए तो 300 कार इसमें जा सकती हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली रो-रो फेरी पिछले साल 22 अक्टूबर 2017 को शुरू की थी. अब वाहनों की रो-रो फेरी की शुरुआत मुख्यमंत्री विजय रुपाणी करने जा रहे हैं. पहले ये रो-रो फेरी 12 अक्टूबर को शुरू होने वाली थी लेकिन 9 अक्टूबर को दहेज बंदरगाह पर पॉन्टून को न‍ियंत्रित करने वाले हुक के टूट जाने की वजह से इसका उद्घाटन रद्द कर दिया गया था.

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रोरो- फेरी में सफर करने के लिये एक ट्रक और बस का किराया 4500 रुपए है जबकि 800 रुपये कार के लिये ओर 150 रुपये दो पह‍िया वाहनों के लिये तय किया गया है. वहीं, पैसेंजर के लिए सीट की क्लास के अनुसार 200 और 400 रुपए किराया है. रो रो फेरी सर्विस का ये वेसेल 2015 मॉडल का वॉयज सिंफनी है जो कोरिया का बना है. इसकी लंबाई लगभग 110 मीटर है.

गौरतलब है क‍ि समुद्री तट को देश की उन्नति और समृद्धि का प्रवेश मार्ग बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पिछले दशकों में केंद्र सरकारों ने समुद्री क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया और जहाजरानी और बंदरगाह क्षेत्र भी उपेक्षित रहा. हमारी सरकार ने समुद्री क्षेत्र में सुधार एवं जल आधारभूत संरचना के विकास के लिए 'सागरमाला' परियोजना और 106 राष्ट्रीय जल मार्गों के निर्माण का कार्य शुरू किया है. इसी के 22 अक्टूबर 2017 को पहली रो-रो फेरी सर्विस शुरू की गई थी.

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