
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से संचालित प्रताप गौरव केंद्र में प्रवेश को लेकर विवादित अपील जारी की गई है. संचालकों ने यहां आने वाली महिलाओं से कहा है कि वो छोटी ड्रेस पहनकर या कम कपड़े पहनकर केंद्र में नही आएं. महाराणा प्रताप की गौरव गाथाओं को बताने वाले प्रताप गौरव केंद्र के संचालकों ने मर्यादित और शालीन ड्रेस पहन कर केंद्र में प्रवेश करने की अपील की है. संचालकों ने इस केंद्र को राष्ट्रीय तीर्थ का दर्जा दिया हैं ऐसे में उनका मानना है कि पवित्र स्थान पर शालीन कपड़े पहन कर प्रवेश किया जाये. संचालकों के अनुसार शालिन कपड़ो का मतलब अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े ना होकर शरीर को ढ़कने वाले कपड़े हों.
कम कपड़े पहने या किसी तरह से अंग दिखनेवाले कपड़े पहनकर आनेवाली महिलाओं को समझाने के लिए एक टीम तैनात की गई है. इस केंद्र को संचालित कर रहे ओम प्रकाश ने कहा कि उन्हें किसी को भी रोका नहीं हैं बल्कि एक महिला जो पहले भी कम कपड़ों में आई थी उससे भी अपील कर आगे मर्यादित कपड़े पहन कर आने की बात कही है. ओम प्रकाश जी का मानना हैं कि यह निर्णय आने वाले समय में कारगर साबित होगा और उनकी अपील को देखते हुए यहां आने वाले लोग पहले से ही मर्यादीत कपड़े पहन कर पहुंचेंगे. इस अपील को प्रताप गौरव केंद्र के बाहर लगी नियमावली में भी शामिल कर दिया गया हैं साथ ही कम कपड़ों में आने वाली महिलाओं को केंद्र में प्रवेश के लिये रोका नहीं जा रहा हैं बल्कि उन्हें भविष्य में मर्यादित वेशभूषा में आने की अपील की जा रही हैं.
इस केंद्र के संचालन कर रहे आरएसएस ने कहा है यह केंद्र एक राष्ट्रीय तीर्थ है, हम जब भी किसी धार्मिक स्थान या धार्मिक कार्यक्रमों में जाते है तो हमारे भारतीय भाई बहिन शालीन वेशभूषा में जाते है. आरएसएस ने बयान में कहा कि हमारा भी
आग्रह यही है कि यह एक गरिमा पूर्ण स्थान है इसलिए यहां जो भी आये वो शालीन वेशभूषा पहनकर आये. हमनें सकारातमक रूप में कहा है कि ऐसे वेशभूषा में आये जिससे की यहां की गरिमा में और इजाफा हो.
हालांकि महिला और सामाजिक संगठनों ने इसे संघ की महिला विरोधी सोच करार देते हुए कहा है कि इस देश में महिलाओं को अपने कपड़े चुनने और पहनने की आजादी है.
गौरतलब है कि पिछले महीने हीं उदयपुर के इस प्रताप गौरव केंद्र का उद्घाटन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया था.