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जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा, तभी तक भारत का रहेगा अस्तित्व: भागवत

भागवत ने कहा कि जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा, तब तक ही भारत का अस्तित्व बना रहेगा. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनाव से कुछ दिनों पहले ही संघ प्रमुख ने गुवाहाटी में बैठक को संबोधित किया.

अारएसएस प्रमुख मोहन भागवत अारएसएस प्रमुख मोहन भागवत
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले आरएसएस ने अपनी पैठ मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में आज रविवार को आरएसएस ने गुवाहाटी में एक अहम बैठक की. इस बैठक में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत तो पाकिस्तान के साथ अपनी सारी शत्रुता भूल गया, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया.

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भारत तो दुश्मनी भूल गया लेकिन पाकिस्तान नहीं: भागवत

भागवत ने कहा कि जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा, तब तक ही भारत का अस्तित्व बना रहेगा. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनाव से कुछ दिनों पहले ही संघ प्रमुख ने गुवाहाटी में बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संघर्ष हुआ, पाकिस्तान का जन्म हुआ. भारतवर्ष 15 अगस्त, 1947 से ही पाकिस्तान के साथ शत्रुता भूल गया लेकिन पाकिस्तान अब तक नहीं भूला. हिंदू स्वभाव और दूसरे के स्वभाव में यही अंतर है. भागवत ने कहा कि मोहनजोदड़ो, हड़प्पा जैसी प्राचीन सभ्यता और हमारी संस्कृति जिन स्थानों पर विकसित हुई, अब वे पाकिस्तान में हैं.

भारत के एकजुट रहने की वजह हिंदुत्व

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने (भारत से) क्यों नहीं कहा कि भारत का सब कुछ यहीं पैदा हुआ, ऐसे में हम भारत हैं और आप दूसरा नाम अपनाइए. संघ प्रमुख ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा और इसकी बजाय वे भारत के नाम से अलग होना चाहते थे, क्योंकि वे जानते थे कि भारत के नाम से ही हिंदुत्व आ जाता है. हिंदुत्व यहां है, इसलिए यह भारत है. भावगत ने कहा कि अपनी विविधता के बावजूद भारत के एकजुट रहने की वजह हिंदुत्व है.

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हमारे आचरण से दूसरों को शिक्षा

उन्होंने कहा कि हमारे यहां हिंदुत्व पर आधारित आंतरिक एकता है और इसीलिए भारत एक हिंदू राष्ट्र है. आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा कि भारत इस विश्व को मानवता का संदेश देता है. भारत अपने आचारण से दूसरों को शिक्षा देता है. भारतवर्ष के इस स्वभाव को विश्व हिंदुत्व का नाम देता है. अगर भारत के लोग हिंदुत्व की भावना को भूल जाते हैं तो देश के साथ उनका संबंध भी खत्म हो जाएगा.

गोरक्षा और गो-निर्भरता वाली कृषि जरूरी

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विघटन के बाद बांग्लाभाषी बांग्लादेश भारत में शामिल क्यों नहीं हुआ? क्योंकि वहां हिंदुत्व की भावना नहीं है. अगर हिंदुत्व की भावना भुला दी गई तो भारत टूट जाएगा. भागवत ने यह भी कहा कि गोरक्षा और गो-निर्भरता वाली कृषि भारतीय किसानों के संकट का एकमात्र समाधान है. उन्होंने अपील की कि लोग इस दिशा में काम करें.

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