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स्वदेशी जागरण मंच ने गडकरी से की मांग, ओला-उबर सर्ज प्राइसिंग पर हो नियंत्रण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के आर्थिक प्रकोष्ठ स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को चिट्ठी लिख कर टैक्सी एग्रीगेटर्स की ओर से सर्ज प्राइसिंग के नाम पर की जाने वाली मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो -ANI) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो -ANI)
आनंद पटेल
  • मुंबई,
  • 17 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:04 PM IST

  • ड्राइवर की ओर से राइड कैंसल हो तो ग्राहक को दी जाए पेनाल्टी
  • 'सर्ज प्राइसिंग पर पूरे देश में अधिक से अधिक 25% का कैप लगे'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के आर्थिक प्रकोष्ठ स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को चिट्ठी लिख कर टैक्सी एग्रीगेटर्स की ओर से सर्ज प्राइसिंग के नाम पर की जाने वाली मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है. SJM ने चिट्ठी में कहा है कि सर्ज प्राइसिंग पर 25 फीसदी कैप लगाया जाए. ऐसा करने से पीक ऑवर्स के नाम पर टैक्सी एग्रीगेटर्स को मनमाना किराया वसूलने से रोका जा सकेगा.     

चिट्ठी में ये मांग भी की गई है कि टैक्सी एप कंपनी की ओर से अगर राइड कैंसल की जाती है तो कंपनी पर दंड लगाया जाना चाहिए. SJM  ने हैरानी जताई है कि अगर ग्राहक की ओर से राइड कैंसल की जाती है तो उससे एप आधारित टैक्सी एग्रीगेटर पेनल्टी वसूल करता है लेकिन खुद या ड्राइवर की ओर से राइड कैंसल होने पर ग्राहक को कोई क्षतिपूर्ति नहीं की जाती.

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SJM के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्विनी महाजन ने इंडिया टुडे को बताया, ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत एप आधारित टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया में है, ऐसे में हमने मंत्री से आग्रह किया है कि नियम लोगों के हित को ध्यान में रखकर बनाए जाएं.’

डॉ महाजन ने साथ ही मंत्रालय को चेताया कि अगर जनहित ध्यान में नहीं रखा गया तो लोगों में नाराज़गी होगी और राज्य टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए खुद के अलग नियमों के साथ सामने आ सकते हैं.  

सड़क परिवहन मंत्री को लिखी चिट्ठी में SJM ने मुख्य तौर पर चार मांग उठाई हैं-

1- सर्ज प्राइसिंग पर पूरे देश में अधिक से अधिक 25% का कैप लगाया जाना चाहिए.

2- टैक्सी एप या ड्राइवर की ओर से राइड कैंसल की जाए तो 100 रुपए या किराए का 20% ग्राहक के खाते में क्रेडिट किए जाएं.  

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3- एप आधारित टैक्सी एग्रीगेटर्स को एडवांस या शेड्यूल्ड बुकिंग के वक्त सर्ज प्राइसिंग की इजाज़त नहीं दी जाए.

4- कस्टम सर्विस और एप फीचर्स को इस तरह उन्नत किया जाए कि इमरजेंसी या ज़रूरत पड़ने पर कस्टमर सर्विस सेंटर से आसानी से बात की जा सके.

डॉ. महाजन ने इंडिया टुडे को बताया, ये देखा गया है कि उबर और ओला जैसे टैक्सी एग्रीगेटर्स जिन्होंने 2014-15 में कम किराए और सुविधाजनक टैक्सी सर्विस के नाम पर काम शुरू किया था, उन्होंने अब सर्ज प्राइज़िंग के नाम मुनाफ़ाखोरी शुरू कर दी है.

बीते दो हफ्ते में ही हमें ऐसे स्क्रीन शॉट्स मिले हैं जिनमें मुंबई में महज़ 6 मिनट की राइड के लिए 2000 रुपए किराया दिखाया गया, ये बेरहम और इन प्लेटफॉर्म्स की मुनाफाखोरी है.

मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में डॉ महाजन ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एग्रीगेटर्स के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया में है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मंत्रालय विचार कर रहा है कि सर्ज प्राइज़िंग में साधारण किराए से तीन गुना अधिक तक लिए जाने को मंज़ूरी दी जाए.

ऐसा ही मंत्रालय की ओर से दिसंबर 2016 में जारी दिशानिर्देशों में भी कहा गया. ऐसे में हमारा आग्रह है कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए नियम बनाते वक्त जनहित को ध्यान में रखा जाए.

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