
गोरक्षा से जुड़ी घटनाओं का राजनीतिकरण किए जाने पर रोक लगाने की मांग करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि वह गोरक्षा के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता है. संघ ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब विपक्ष तथाकथित गोरक्षकों द्वारा हत्याएं करने के मुद्दे पर संसद में सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इसे गोरक्षा के नाम पर हिंसा संघ से जोड़ने के बजाए, कार्रवाई की जानी चाहिए और जो दोषी पाए जाएं उन्हें दंड दिया जाना चाहिए. कानून को अपना काम करना चाहिए. वैद्य ने कहा, इस देश की पहचान हिंदुत्व है, जो किसी भी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं है. हम सभी के कल्याण के दर्शन में विश्वास रखते हैं.
गोरक्षा के नाम पर हिंसा और पीट-पीटकर ह त्या की घटनाओं से जुड़े सवालों के जवाब में वैद्य ने कहा कि संघ किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता है. हमने पहले भी यह कहा है और इसे पहले भी स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि गोरक्षा एक अलग मुद्दा है. गोरक्षा का अभियान सैकड़ों वर्षों से चल रहा है.
संघ नेता ने आरोप लगाया कि मीडिया इसे एक विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है और विपक्ष मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह गलत है. संघ ने कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया. इस पर राजनीति करना और समाज के एक हिस्से को नीचा दिखाना, यह ठीक नहीं है. आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सम्मेलन हुआ है. इसमें राज्य, देश के हालात समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.
अखिल भारतीय प्रचारक सम्मेलन 18 से 20 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले और कश्मीर में बिगड़ते सुरक्षा हालात और बढ़ते आतंकवाद की पृष्ठभूमि में हुआ. सम्मेलन में 195 प्रचारक, संघ से संबंद्ध सभी संगठनों के प्रमुख और शीर्ष नेता शामिल हुए. संघ प्रमुख मोहन भागवत, वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल ने भी इसमें शिरकत की.
वैद्य से उन मीडिया रिपोर्ट्स के बारे में सवाल किया गया जिनके मुताबिक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कथित तौर पर संघ को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की थी, इस पर उन्होंने कहा, मुद्दे का राजनीतिकरण करना और संघ को इसमें घसीटना गलत था. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा इसे राजनीतिक मोड़ देना गलत था, बाद में उनका पर्दाफाश भी हो गया.