
आखिरकार 90 साल बाद राष्ट्रीय स्वसंयवेक संघ का गणवेश बदल गया. संघ के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी के मौके पर आयेाजित समारोह में खाकी निकर की बजाय ब्राउन फुल पैंट में पथ संचलन (मार्च) किया. स्थापना दिवस के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मोदी सरकार की पीठ थपथपाई और सेना को भी बधाई दी.
'मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है'
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर कहा, 'इस बार की विजयादशमी बहुत खास है. हमने 90 साल पूरे कर दिए हैं. यूनिफॉर्म में बदलाव से शायद मीडिया आकर्षित हो.' उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है. देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. हालांकि दुनिया की कुछ शक्तियां भारत को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहतीं. भागवत ने कहा कि उन्हें (पाकिस्तान) ये संदेश मिल गया है कि सहने की सीमा होती है.
'भारतीय सेना ने हिम्मत का काम किया'
भागवत ने कहा, 'मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान समेत सारा कश्मीर हमारा है. पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है. सर्जिकल स्ट्राइक पर संघ प्रमुख ने कहा, 'सरकार ने बहुत शानदार कदम उठाया. भारतीय सेना ने हिम्मत का काम किया. यशस्वी नेतृत्व ने पाकिस्तान को अलग-थलग किया.' नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में हुए इस समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए.
खाकी निकर संघ की यूनिफॉर्म में 90 साल से शामिल थी. इस तरह से इस संगठन में एक पीढ़ीगत बदलाव आएगा जिसे बीजेपी का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है. संघ ने स्वयंसेवकों के लिए मोजों के रंग को बदलने की भी मंजूरी दे दी है और पुराने खाकी रंग की जगह गहरे ब्राउन रंग के मोजे इसमें शामिल होंगे. हालांकि परंपरागत रूप से शामिल दंड गणवेश का हिस्सा बना रहेगा.
एक लाख स्वेटरों का ऑर्डर भी दिया गया
जिन राज्यों में अधिक सर्दी पड़ती है वहां ठंड के मौसम में संगठन के स्वयंसेवक गहरे ब्राउन रंग का स्वेटर पहनेंगे. ऐसे एक लाख स्वेटरों का ऑर्डर दिया जा चुका है. संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘विभिन्न मुद्दों पर
संघ के साथ काम करने को लेकर समाज की स्वीकृति बढ़ती जा रही है और सुविधा के स्तर को देखते हुए वेशभूषा में बदलाव किया गया. यह परिवर्तन बदलते समय के अनुरूप ढलना दर्शाता है.’
गोरक्षकों का किया बचाव
भागवत ने गोरक्षकों का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून के तहत ही काम करते हैं. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग हैं जो गौरक्षा के प्रति समर्पित हैं. यह राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है.' संघ प्रमुख ने कहा कि गोरक्षक कानून के तहत काम करते हैं जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं उन्हें गोरक्षकों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
2009 में भी हुई थी यूनिफॉर्म बदलने की बात
वैद्य ने बताया कि आठ लाख से अधिक ट्राउजर वितरित कर दिए गए हैं. इनमें छह लाख सिले हुए ट्राउजर हैं और दो लाख का कपड़ा है जो देशभर में संघ कार्यालयों पर पहुंचा दिए गए हैं. वैद्य ने बताया कि 2009 में गणवेश में
बदलाव का विचार किया गया था लेकिन तब इस पर आगे काम नहीं हो सका. विचार-विमर्श के बाद 2015 में इस प्रस्ताव को फिर से आगे बढ़ाया गया और निकर की जगह ट्राउजर को वेशभूषा में शामिल करने की आम-सहमति बन
गई संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव पर कुछ महीने पहले मुहर लगाई थी.