Advertisement

मोहन भागवत बोले- सभी को पता स्वार्थ बहुत खराब बात, लेकिन इसे छोड़ते बहुत कम लोग

नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सभी मनुष्य जानते हैं कि प्रकृति को नष्ट करने से हम नष्ट हो जाएंगे. लेकिन प्रकृति को नष्ट करने का काम थमा नहीं. सब जानते हैं कि आपस में झगड़ा करने से दोनों की हानि होती है, लेकिन आपस में झगड़ा करने की बात अभी तक बंद नहीं हुई. 

संघ प्रमुख मोहन भागवत (फोटो-पीटीआई) संघ प्रमुख मोहन भागवत (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नागपुर,
  • 19 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

  • संघ प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत
  • स्वार्थ मनुष्य का अवगुण, लेकिन लोग छोड़ते नहीं

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी झगड़े को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि स्वार्थ बहुत खराब बात है, लेकिन अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं. देश का उदाहरण लीजिए या व्यक्तियों का.

नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सभी मनुष्य जानते हैं कि प्रकृति को नष्ट करने से हम नष्ट हो जाएंगे. लेकिन प्रकृति को नष्ट करने का काम थमा नहीं. सब जानते हैं कि आपस में झगड़ा करने से दोनों की हानि होती है, लेकिन आपस में झगड़ा करने की बात अभी तक बंद नहीं हुई.

Advertisement

महाराष्ट्र के संदर्भ में मोहन भागवत की बात

आरएसएस प्रमुख के इस बयान को महाराष्ट्र की सियासत को लेकर चल रही लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में सालों तक मित्र रहे शिवसेना और बीजेपी की राहें जुदा हो चुकी है. शिवसेना यहां पर अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रही है. उनका बयान बीजेपी-शिवसेना के इसी झगड़े की ओर इशारा करता हुआ दिख रहा है.

स्वार्थ मानव का अवगुण

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में संदेश दिया, 'सब जानते हैं प्रकृति को नष्‍ट करने से हम भी नष्‍ट हो जाएंगे, लेकिन प्रकृति को नष्‍ट करने का क्रम रुका नहीं है. सभी जानते हैं कि आपस में झगड़ा करने से एक पक्ष नहीं बल्कि दोनों को हानि होती है लेकिन झगड़े फिर भी नहीं रुके. भागवत यहीं नहीं रुके उन्‍होंने यह भी कहा कि सब जानते हैं कि स्‍वार्थ मनुष्य का अवगुण है, लेकिन बहुत कम लोग है जो स्वार्थ को छोड़ते हैं, चाहे बात देश की हो या फिर व्यक्तियों की.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement