मोदी सरकार के पूरे हुए तीन साल के जश्न से दुखी है 'संघ'!
नरेंद्र मोदी सरकार, केंद्र में तीन साल का जश्न मना रही है इस दौरान बड़े-बड़े आयोजन भी किए जा रहे हैं और पार्टी से लेकर सरकार के तमाम मंत्री देश भर में जाकर अच्छे दिनो का बखान करने में लगे हुए हैं
नरेंद्र मोदी सरकार, केंद्र में तीन साल का जश्न मना रही है इस दौरान बड़े-बड़े आयोजन भी किए जा रहे हैं और पार्टी से लेकर सरकार के तमाम मंत्री देश भर में जाकर अच्छे दिनो का बखान करने में लगे हुए हैं लेकिन इस जश्न के बीच कोई है जिसे सब कुछ ठीक नहीं लग रहा और ये कोई और नहीं बल्कि सरकार के खासमखास वो संगठन हैं जो सीधे सीधे संघ यानी आरएसएस से जुड़े हैं. संघ के कुछ अनुषांगिक संगठन मोदी सरकार से अपने कारणों से संतुष्ट नहीं दिख रहें है.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मानता है कि संघ का मानना है कि मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में उसके अपने एजेडें पीछे छुट गए है. फिर चाहे वो धारा 370 हो या समान नागरिक सहिता, इन पर सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया है.
भारतीय मजदूर संघ मानता है कि भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में मजदूरों के हितों की अनदेखी की है. एफडीआई और विदेशी कंपनियों को भारत आने का मौका देकर भारतीय मजदूरों का शोषण करने का काम मोदी सरकार ने किया है. ख़ासकर इन तीन सालों में बढ़ती बेरोज़गारी से मज़दूर संघ बेहद नाराज़ है और तो और नीति आयोग की योजनाओं के ख़िलाफ़ संगठन ने आंदोलन छेड़ने का भी ऐलान कर डाला है. हाल ही में हुई संगठन की बैठक में खुलकर मोदी सरकार की नीतियों को कोसा गया है.
भारतीय किसान संघ मानता है कि भारतीय किसान संघ का मानना है कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण की कोशिश कर किसानों से धोखा करने का काम किया है. किसानों की आत्महत्या में कोई ख़ास कमी नहीं आई है. और एफ़डीआई के पक्ष में काम कर रही सरकार को अपनी सोच में बदलाव लाने की ज़रूरत है.
विश्व हिदू परिषद का कहना है कि वीएचपी का मानना है कि राम मंदिर क मुद्दे पर केन्द्र सरकार ने चुप्पी साध ली है. गंगा सफाई पर भी मोदी सरकार फेल हो चुकी है.
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स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि मोदी सरकार के तीन साल में विदेशी कंपनियों के लिए मोदी सरकार ने सारे रास्ते खोल दिए है. स्वदेशी कंपनियों का बुरा हाल हो गया है. सरसों के उगाए जाने की अनुमति को लेकर केंद्रीय मंत्री 'राधा मोहन सिंह' के जरिए जीएम सरसों के उत्पादन को जायज ठहराने के अगले ही दिनअपना सार्वजनिक विरोध प्रकट करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने सीधे पीएम को चिट्ठी लिख डाली.स्वदेशी जागरण मंच ने यह भी कहा कि जीएम सरसों पर सच को छूपाया गया है. पीएम मोदी से जीएम सरसों के उगाए जाने की अनुमति नहीं देने की मांग करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि जीएम के सुरक्षा खतरों को लेकर भी सरकार को गुमराह किया गया है.
इन सबके बावजूद इन संगठनों को लगता है की अगले दो साल में सरकार इनकी भावनाओं को समझकर उचित क़दम उठाएगी.