
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता का शव बोरे में बरामद किया गया है. मृतक की पहचान सुनील गर्ग के रूप में की गई है. वह लोहे के एक मशहूर व्यापारी भी थे. उन्हें अंतिम बार रविवार को भाजपा के नगर निगम प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करते देखा गया था.
जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक सूरजकुंड वार्ड से भाजपा से पार्षद का चुनाव लड़ रहे अंशुल गुप्ता के साथ चुनाव प्रचार किया. इसके बाद डेढ़ बजे घर चले गए थे. शाम सवा चार बजे पत्नी रश्मि से थोड़ी देर में आने की बात कहकर घर से बाइक पर सवार होकर निकले थे.
देर शाम तक जब घर नहीं पहुंचे तो परिजनों की चिंता बढ़ी. उन्हें फोन मिलाया, लेकिन नहीं मिला. कई घंटे तक आउट ऑफ कवरेज एरिया बताता रहा. काफी खोजबीन के बाद सिविल लाइन थाने में गुमशुदगी की सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने सुनील की तलाश के लिए मैसेज फ्लैश किया, तो किसी ने बोरे में लाश की सूचना दी.
पुलिस अधीक्षक मानसिंह (शहर) ने बताया कि मृतक के चेहरे पर धारदार हथियार से हमले के निशान मिले हैं. उनकी मोटरसाइकिल एक पार्किंग से बरामद कर ली गई है. हत्या होने से पहले वह कहां-कहां गए और किन लोगों से मिले इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है. जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
मेरठ के भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पुलिस को जल्द से जल्द इस हत्याकांड को सुलझाने की चेतावनी दी है. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. बताया जा रहा है कि मृतक सुनील गर्ग राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे. बीजेपी के लिए वह कई दिनों से प्रचार कर रहे थे.
बताते चलें कि यूपी से पहले पंजाब में कई आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. बीते महीने अमृतसर में हिंदू सुरक्षा समिति के नेता विपिन कुमार को सरे बाजार गोलियों से भून दिया गया था. पूरी वारदाता CCTV कैमरे में कैद हो गई थी. इसमें साफ देखा जा सकता है कि 2 लोगों गोली मार कर मृतक को जमीन पर गिरा देते हैं.
इसके बाद ताबड़तोड़ 4 गोलियां और चलाते हैं. मृतक की पहचान विपिन कुमार के रूप में हुई. विपिन कुमार जय शंकर वेलफयर सोसाइटी के मेंबर थे. वह हिंदू सुरक्षा समिति के आयोजक भी थे. यह सोसाइटी गरीबों के लिए लंगर लगाती थी. मौका-ए-वारदात से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद हुआ है, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान की गई.
पिछले एक साल से सीबीआई RSS नेता गगनेजा हत्याकांड की जांच कर रही है. दूसरे RSS नेता की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पंजाब सरकार ने जांच एनआईए को सौंपी है, लेकिन इसके बावजूद हिंदू नेताओं को जिस तरीके से निशाने पर लिया जा रहा है, लग रहा है कि इसके पीछे अमन शांति को भड़काने की कोई गहरी साजिश है.