Advertisement

RTI से खुली मुंबई-अहमदाबाद रूट की पोल! तो रेलमंत्री ने दी यह सफाई

एक RTI में पूछे गए सवाल पर दिए जवाब से रेलवे की ऐसी फजीहत हो रही है कि सीधे रेल मंत्री पीयूष गोयल को मैदान में उतरना पड़ा.

indian railway india today indian railway india today
स्वप्निल सारस्वत
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:15 PM IST

एक RTI में पूछे गए सवाल पर दिए जवाब से रेलवे की ऐसी फजीहत हो रही है कि सीधे रेल मंत्री पीयूष गोयल को मैदान में उतरना पड़ा.  मुंबई के RTI एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने RTI में पूछा था कि मुंबई से अहमदाबाद और अहमदाबाद से मुंबई कितने यात्री सफर करते हैं. रेलवे को इस रूट कितना राजस्व मिलता है और कितने की वो अपेक्षा करते हैं.

Advertisement

वेस्टर्न रेलवे ने गलगली की RTI का जो जवाब दिया उसने मुंबई से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया. गलगली को दी गई जानकारी के मुताबिक इस रूट पर 40% सीटें खाली रहती हैं. गलगली को बताया गया कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर 30 मेल एक्सप्रेस में 4,41,795 यात्रियों ने यात्रा की, जबकि कुल सीटों की संख्या 7,35,630 थी.

इसी तरह अहमदाबाद से मुंबई रूट पर 31 मेल एक्सप्रेस चलती हैं, जिससे 3,98,002 यात्रियों ने सफर किया, जबकि क्षमता 7,06,446 की थीं. इस रूट को सबसे व्यस्ततम और बिजनेस ओरियंटेड मानते हुए यहां बुलैट ट्रैन चलाने का फैसला हुआ था.  सितंबर में अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मिलकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का बड़े जोर शोर से शिलान्यास किया था. ये प्रधानमंत्री का बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिस पर आने वाले खर्चे और इस प्रोजेक्ट की जरूरत पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा हैं. ऐसे में इस RTI के जवाब से सरकार की किरकिरी शुरू हो गई है. ऐसे में खुद पीयूष गोयल को सफाई देने उतरना पड़ा.

Advertisement

गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि RTI के जवाब में सिर्फ मुंबई सेंट्रल से अहमदाबाद का रूट पर जवाब दिया गया है. बीच के स्टेशनों पर चढ़ने-उतरने वाले यात्रियों का इसमें जिक्र नहीं है. मुंबई और अहमदाबाद रूट पर 100 फीसदी से भी ज्यादा ऑक्यूपेंसी है और पिछले 3 महीने में इस रूट पर रेलवे ने 233 करोड़ की कमाई है.  लेकिन RTI एक्टिविस्ट अनिल गलगली इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, उनका कहना है कि उन्होंने रेलवे से मुंबई और अहमदाबाद रूट पर चलने वाले यात्रियों पर सवाल किया था. सरकार अब लीपापोती कर रही है.

गलगली का दावा है कि उनकी RTI को लेकर जापान के मीडिया ने भी उनका इंटरव्यू किया है, इससे सरकार तिलमिला गई है. गलगली ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर भी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि यह वित्तीय तौर पर और साथ ही आम आदमी के दृष्टिकोण से ‘कोई व्यवहारिक विकल्प’ नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement