
शेयर बाजार, कच्चा तेल, सोना के बाद अब रुपये पर भी करोना का कहर टूट पड़ा है. डॉलर के मुकाबले रुपये अपने अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 76.15 पर पहुंच गया है.
क्यों गिरा रुपया
सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान ही डॉलर के मुकाबले रुपया 95 पैसे टूटकर 76.15 पर पहुंच गया. भारत में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ने और शेयर बाजार में भारी बिकवाली का असर रुपये पर पड़ा है. हालांकि बाद में रुपये में कुछ सुधार हो गया. दोपहर 1 बजे तक यह डॉलर के मुकाबले करीब 75.94 पर कारोबार कर रहा था.
इसे भी पढ़ें: कोरोना के कहर से लोअर सर्किट के बाद भी बाजार में गिरावट
मुद्रा कारोबारी इस बात से चिंतित दिख रहे हैं कि देश में कोरोना पॉजिटिव मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में ऐसे मामलों की संख्या 400 के करीब हो गई और कई शहरों में लॉकडाउन पूरे अर्थव्यवस्था के लिए भारी पड़ सकता है.
इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में सोमवार को रुपये में कारोबार की शुरुआत डॉलर के मुकाबले 75.90 पर हुई. थोड़ी देर में ही यह और गिरावट के साथ 76.15 पर पहुंच गया यानी पिछले बंद कारोबार के मुकाबले 95 पैसे टूट गया.
क्या कहते हैं कारोबारी
कारोबारियों का कहना है कि अब निवेशकों में बेचैनी देखी जा रही है क्योंकि वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में जाती दिख रही है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रकोप से करीब 14 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.
इसे भी पढ़ें: कोरोना के कहर पर बोले राहुल गांधी- ताली बजाने की नहीं, आर्थिक पैकेज की जरूरत
सेंटिमेंट है खराब
घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली और विदेशी निवेश लगातार बाहर जाने से सेंटिमेंट और खराब हुआ है. गौरतलब है कि कोरोना की वजह से सोमवार को पूरे एशियाई बाजार डूबे हैं. सोमवार को सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई. लोअर सर्किट लगा दिया गया और कारोबार 1 घंटे के लिए रोक दिया गया.
शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बार से करीब 3,345 करोड़ रुपये बाहर निकाल लिए हैं.