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क्रिकेटर मार्टिन क्रो सुपुर्दे खाक, भाई रसेल क्रो ने दिया कंधा

न्यूजीलैंड के महान क्रिकेटर मार्टिन क्रो को शुक्रवार को भावभीनी विदाई दी गई. इस दौरान उनके चचेरे भाई हॉलीवुड सुपरस्टार रसेल क्रो ने उनके जनाजे को कंधा दिया. ऑकलैंड के होली ट्रिनिटी कैथ्रेडेल में इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

चचेरे भाई हॉलीवुड सुपरस्टार रसेल क्रो ने मार्टिन क्रो के जनाजे को कंधा दिया चचेरे भाई हॉलीवुड सुपरस्टार रसेल क्रो ने मार्टिन क्रो के जनाजे को कंधा दिया
अभिजीत श्रीवास्तव
  • ऑकलैंड,
  • 11 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

न्यूजीलैंड के महान क्रिकेटर मार्टिन क्रो को शुक्रवार को भावभीनी विदाई दी गई. इस दौरान उनके चचेरे भाई हॉलीवुड सुपरस्टार रसेल क्रो ने उनके जनाजे को कंधा दिया. ऑकलैंड के होली ट्रिनिटी कैथ्रेडेल में इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. लंबे समय तक कैंसर से जूझने के बाद क्रो का 4 मार्च को 53 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था.

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मार्टिन क्रो के भाई और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान जैफ क्रो ने कहा कि दुनिया भर से मिल रहे शोक संदेशों से परिवार काफी भावविहल है.

उन्होंने कहा, ‘मार्टिन का मुझ पर गहरा प्रभाव था. वह प्रेरणास्रोत थे. वसीम अकरम ने मुझसे कहा कि वह महानतम बल्लेबाजों में से थे. इससे बड़ी तारीफ क्या हो सकती है.’

रसेल क्रो अपने परिवार के साथ मौजूद थे. उन्होंने क्रो के निधन के बाद ट्वीट किया था, ‘मेरा चैम्पियन, मेरा हीरो, मेरा दोस्त. मैं तुमसे हमेशा प्यार करता रहूंगा.’

मार्टिन क्रो का क्रिकेट करियर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1982 में 19 साल की उम्र में पदार्पण करने वाले क्रो को न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास का सबसे अच्छा बल्लेबाज माना जाता है. क्रो ने अपने देश के लिए 77 टेस्ट मैचों में 45.36 की औसत से 5,444 रन बनाए जिसमें 17 शतक भी शामिल हैं. उनके नाम 18 अर्धशतक भी दर्ज हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 299 रनों की रही जो कई सालों तक कीवियों की ओर से खेली गई सबसे बड़ी पारी रही. बाद में ब्रेंडन मैक्लम ने तिहरा शतक बना कर इसे तोड़ा.

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इसके अलावा क्रो ने 143 एकदिवसीय मैचों में 38.55 की औसत से अपने देश के लिए 4704 रन बनाए. एकदिवसीय मैचों में उनके नाम चार शतक और 34 अर्धशतक हैं. उनका सर्वोच्च स्कोर 107 नाबाद है. क्रो 1992 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड कप में अपनी टीम के कप्तान थे.

2015 में क्रो को आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया था. क्रो 1984 से 1988 तक इंग्लैंड की काउंटी टीम समरसेट के लिए भी खेले थे. घुटने में चोट के कारण उन्होंने 1996 में संन्यास ले लिया था.

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