
एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में चुनाव आयोग और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के बीच आरोप प्रत्यारोप देखने को मिल रहे हैं. भारत की प्रशासनिक व्यवस्था में ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं.
चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई कुरैशी को पत्र लिखकर कहा है कि जब वे चुनाव आयोग के मुखिया थे उस दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि बतौर CEC (Chief Election Commissioner) एस.वाई कुरैशी ने जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत भी कोई कार्रवाई नहीं की.
क्या है विवाद?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब 8 फरवरी को पूर्व CEC एस.वाई कुरैशी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख में लिखा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग को FIR दर्ज करवानी चाहिए थी.
हेट स्पीच पर एक्शन क्यों नहीं
पूर्व CEC एस. वाई कुरैशी के इस लेख के खिलाफ चुनाव आयोग ने उन्हें एक पत्र लिखा है और कहा है कि जब वो खुद भी देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे तो ऐसे मामलों में उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी. एस.वाई कुरैशी 30 जुलाई 2010 से लेकर 10 जून 2012 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे थे.
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सुनील अरोड़ा इस वक्त देश के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. चुनाव आयोग ने एस.वाई कुरैशी को लिखे पत्र में कहा है चुनाव आयोग 11 फरवरी 2020 से लेकर पिछले 20 सालों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर की गई कार्रवाई की सूची जारी करने जा रहा है. आयोग ने कहा है कि जब आप देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे उस दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामलों और उन पर की गई कार्रवाई की सूची भी इस पत्र के साथ संलग्न है.
चुनिंदा भूल से पाठक गुमराह होंगे
सीनियर डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ संदीप सक्सेना की ओर से एस.वाई कुरैशी को लिखे पत्र में कहा गया है, "आप कृपया इस सूची पर नजर डाल सकते हैं, इसमें शामिल सूची से पता चलेगा कि उस दौरान आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 और आईपीसी की धारा 153 के तहत कोई एक्शन नहीं लिया था. ये विडंबना है कि कुछ चुनिंदा भूल (Selective Amnesia) से पाठक किस कदर गुमराह हो सकते हैं."
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कुरैशी को भेजे जवाब में वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने उन सभी चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामलों का जिक्र किया जो कुरैशी के कार्यकाल में सामने आए थे. इसके मुताबिक इस दौरान मात्र 9 नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें 2 मामलों में चेतावनी दी गई थी, वो 5 मामलों में एडवाइजरी जारी कर सलाह दी गई थी, जबकि 2 मामले बंद कर दिए गए थे.
दिल्ली चुनाव के दौरान विवादित बयान
एस.वाई कुरैशी ने 8 फरवरी के अपने लेख में दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद परवेश सिंह वर्मा के बयानों का जिक्र किया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान 27 जनवरी को अनुराग ठाकुर ने देश के गद्दारों को...गोली मारो...जैसा नारा दिया था, जबकि 28 जनवरी को परवेश वर्मा ने कहा था कि यदि शाहीन बाग में NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहता है तो दिल्ली में कश्मीर जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी.
इस बयानबाजी के मामले में एस.वाई कुरैशी ने कहा था कि खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 और 125 के तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई थी.