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सबरीमाला के गेट खुले: पहले दिन 50 साल से ऊपर की महिलाएं ही कर सकीं प्रवेश

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद आज पहली बार सबरीमाला मंदिर के कपाट खुले. हालांकि आज(बुधवार) को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया.

मंदिर के सीढ़ियों तक पहुंचीं महिलाएं(फोटोः ANI) मंदिर के सीढ़ियों तक पहुंचीं महिलाएं(फोटोः ANI)
मौसमी सिंह
  • तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट खुल गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया था, जिसपर विवाद हो रहा है. मंदिर से जुड़े लोग और स्वामी अयप्पा के अनुयायी इस फैसले को उनकी आस्था के खिलाफ बता रहे हैं.

सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार आज शाम पांच बजे खुल गए.

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बुधवार को मंदिर के पास काफी बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित है. बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु उन्हें रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं. सुबह से यहां चल रहा प्रदर्शन अब धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता जा रहा है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया. सुरक्षा कारणों के चलते 10-50 साल की उम्र के बीच की महिलाएं मंदिर तक नहीं पहुंचीं.

दिनभर के बड़े अपडेट्स

07.00 PM: सबरीमाला मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंचीं महिलाएं

06.30 PM: गृह मंत्रालय ने महिलाओं की एंट्री को लेकर आज हुई हिंसा का संज्ञान लिया.

06.15 PM: आरएसएस के लोग जगलों में छिपे हुए थे और अयप्पा भक्तों पर हमला किए. 10 पत्रकार, 5 भक्त और 15 पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ है- केरल के मंत्री ईपी जयराजन

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06.10 PM: 18 और 19 अक्टूबर के लिए सबरीमाला मंदिर के आसपास कुछ चुनिंदा जगहों पर धारा 144 लगाई गई है. कल मंदिर सुबह 5 बजे खुलेगा.

05.40 PM:कांग्रेस किसी पर हमला नहीं कर रही है. पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो वहां विरोध कर रहे हैं वे बीजेपी,आरएसएस के लोग हैं.  कांग्रेस इसमें कहीं भी शामिल नहीं है: रमेश चेन्निथाला, कांग्रेस

05.30 PM:भक्त अभी भी सबरीमाला मंदिर की ओर पहुंच रहे हैं. मंदिर आज रात 10:30 तक खुला रहेगा. वहीं मंदिर के आसपास धारा 144 लगा दी गई है.

05.25 PM:सबरीमाला मंदिर के कपाट आज 5 बजे खुल गए. भक्त आज रात 10.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे.

05.20 PM: एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई ने कहा कि वो दिनों के अंदर सबरीमाला मंदिर जाएंगी. देसाई ने बताया के सबरीमाला जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है.

05.15 PM: मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर प्रदर्शन जारी है.

04.50 PM: सबरीमाला मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले.भक्तों ने प्रवेश के बाद किए दर्शन.

04.35 PM: पंबा में पुलिस कुछ ही देर में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करेगी.

04.30 PM:  राज्य में कानून व्यवस्था के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. जो भी हुआ है उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं. हिंसा में बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं है. निलाक्कल बेस कैंप पर हिंसा की हम निंदा करते हैं. एम एस कुमार, बीजेपी नेता

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04.05 PM: एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर को निलाक्कल बेस कैंप से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. राहुल ईश्वर के खिलाफ गैर जमानती एफआईआर दर्ज की गई है. उनको पंबा पुलिस स्टेशन में रखा गया है. हालांकि उन्होंने किसी भी महिला पर हमला करने से इनकार किया है.

04.00 PM:महिला पत्रकारों पर हुए हमले पर  राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है. आगे का कदम उठाने के लिए एनसीडब्ल्यू कार्यालय में एक बैठक चल रही है.

03.55 PM:700 पुलिसवालों को तैनात कर दिया गया है. 300 और पुलिसकर्मी निलाक्कल पहुंचने के लिए रास्ते में हैं. वहीं 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें 2 लोगों को जमानत मिल गई है.

03.50 PM: केरल सरकार में मंत्री के के शैलजा ने कहा कि मुझे लगता है वहां जो भी हो रहा है जानबूझकर किया जा रहा है. वे (प्रदर्शनकारी) गंदी राजनीति कर रहे हैं. हम यह नहीं कह सकते कि वे सही में भक्त हैं या नहीं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश संवैधानिक है और सरकार इसे लागू करने के लिए बाध्य है.

03.45 PM: पंबा बेस कैंप के पास 'आजतक' की महिला पत्रकार मौसमी सिंह पर हमला किया गया है. बताया जा रहा है हमला करीब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने किया है. प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया है. कई जगहों पर उग्र प्रदर्शन जारी है. 

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02.45 PM:  'Save Sabarimala' कैंपेन चलाने वाले राहुल ईश्वर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. अभी भी प्रदर्शनकारी लगातार मीडिया पर हमला कर रहे हैं.

02.00 PM: कुछ प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया, मीडियाकर्मियों को भी बनाया निशाना. प्रदर्शनकारी मीडिया की गाड़ी पर हमला कर रहे हैं.

01.09 PM: महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहीं मंदिर के बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट गोपालकृष्णन की पत्नी को हिरासत में ले लिया गया है. उनके अलावा करीब 50 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है.

01.00 PM: प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मीडिया की एक वैन के साथ तोड़फोड़ की.

12.11 PM: पुलिस पंबा बेस कैंप से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटा रही है.

11.04 AM: एक परिवार जिसमें महिला और बच्चे भी शामिल थे, वे पहाड़ी के जरिए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वहां से भगा दिया. परिवार आंध्र से सिर्फ सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने आया था.

11.00 AM: पंबा बेस कैंप से महिलाओं को वापस भेजा जा रहा है, वहां पर इनकी एंट्री का विरोध हो रहा है.

10.01 AM: नल्लिकेल इलाके में 3 जगह प्रदर्शन चल रहा है, इनमें 2 जगह संघ परिवार की तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा है. और 1 प्रदर्शन कांग्रेस की तरफ से किया जा रहा है. सभी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.

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08.02 AM: नल्लिकेल और पम्पा बेस पर करीब 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं. इनके अलावा 500 से अधिक अन्य सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.

07.49 AM: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अभी तक कुल 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 8 को मंगलवार रात और 3 को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया.

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी. उस आदेश के बाद से बुधवार 17 अक्टूबर को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर के द्वार खुलेंगे.

नहीं मान रहे हैं लोग

वहीं, हालात को सुलझाने के लिए त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) की आखिरी कोशिश बेकार रही, जहां पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को मंगलवार को छोड़कर चले गए. शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के मुद्दे पर बातचीत करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश दिखे.

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महिलाओं को रोकने की कोशिश

इस बीच, भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर जाकर उन महिलाओं को मंदिर से करीब 20 किलोमीटर पहले नल्लिकेल में रोकने का प्रयास किया जिनकी आयु 10 से 50 साल है. ‘स्वामीया शरणम् अयप्पा’ के नारों के साथ भगवान अयप्पा भक्तों ने इस आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं की बसें और निजी वाहन रोके और उन्हें यात्रा नहीं करने के लिए मजबूर किया.

इन महिलाओं में पत्रकार रितू भी थीं, जिन्होंने दावा किया कि वह अपने कवरेज के काम से मंदिर जा रही हैं और उनका मंदिर में प्रवेश का कोई इरादा नहीं है. उनका ऐसा भी कुछ करने की मंशा नहीं है, जिससे अयप्पा भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हों.

सबरीमाला जाने के रास्ते में नल्लिकेल में भारी तनाव के बीच एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, 'मासिक पूजा के लिए मंदिर जब खुलेगा तो 10 से 50 साल की आयु की किसी महिला को निलक्कल से आगे और मंदिर में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं दी जाएगी.' टेलीविजन चैनलों की फुटेज में देखा गया कि काले कपड़े पहने कुछ युवतियों और कुछ कॉलेज विद्यार्थियों को एक बस से उतरने के लिए कहा जा रहा है.

श्रद्धालुओं की रक्षा की जाएगी: मुख्यमंत्री

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इस अति संवेदनशील विषय पर कठिन समय का सामना कर रहे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'श्रद्धालुओं को सबरीमाला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किए जाने की संभावना खारिज कर दी. विजयन ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का पालन करेंगे.'

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