
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर रोक के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में माहिलाओं की प्रवेश के मामले में अपना रुख बदल दिया. केरल सरकार ने कोर्ट में कहा है कि हम चाहते हैं मंदिर के गर्भगृह तक महिलाओं को जाने की इजाज़त होनी चाहिए.
इससे पहले केरल सरकार ने मंदिर प्रशासन बोर्ड का पक्ष लिया था और मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के जाने पर ऐतराज जताया था.
गौरतलब हो कि मंदिर प्रशासन बोर्ड ने गर्भ गृह तक महिलाओं के जाने पर रोक लगा रखी है. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख तय की है.
मंदिर में महिलाओं का प्रवेश है वर्जित
इससे पहले न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति एन.वी. रमन की पीठ ने इंडियन यंग लॉयर्स असोसिएशन की ओर से पांच महिला वकीलों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि महिलाओं को पूजा करने से नहीं रोका जा सकता. इस एसोसिएशन ने सबरीमाला अयप्पन मंदिर की उस प्रथा को चुनौती दी है, जिसके तहत 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है.