
सचिन पायलट को कांग्रेस से बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ा है. पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसका ऐलान किया. पायलट के खिलाफ लिए गए एक्शन की जानकारी देते हुए सुरजेवाला ने तीखे अंदाज में ये भी याद दिलाया कि सचिन पायलट को कम उम्र में ही पार्टी ने बहुत कुछ दिया है.
जयपुर में सीएम आवास में विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ''हमें एक बात का खेद है कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व कुछ विधायक और मंत्री दिग्भ्रमित होकर बीजेपी के षडयंत्र में आकर कांग्रेस सरकार गिराने में शामिल हो गए.''
सुरजेवाला ने आगे कहा, ''सोनिया गांधी जी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में सचिन पायलट व दूसरे साथी मंत्री, विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की. कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट से आधा दर्जन बार बात की. CWC के दो सदस्यों ने पायलट से दर्जनों बार बात की. केसी वेणुगोपाल ने कई बार बात की. सोनिया जी और राहुल जी की ओर से हमने भी अपील की कि सारे दरवाजे खुले हैं. अगर आपका मतभेद है तो कांग्रेस नेतृत्व को बताइए, हम बैठकर सुलझाएंगे.''
छोटी उम्र में दी राजनीतिक ताकत
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सचिन पायलट को कांग्रेस में दी गई जिम्मेदारियों का भी हवाला किया. उन्होंने कहा, ''सचिन पायलट को छोटी उम्र में जो राजनीतिक ताकत दी गई, शायद किसी को नहीं दी गई. 2003 में सचिन पायलट राजनीति में आए, इसके बाद 26 साल की उम्र में 2004 में उन्हें कांग्रेस ने सांसद बनाया. 32 साल की उम्र में केंद्र में मंत्री बनाया. 34 साल की उम्र में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी. 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है. सोनिया और राहुल गांधी का व्यक्तिगत आशीर्वाद उनके साथ था, इसलिए इतना दिया गया.''
ये तमाम बातें रखते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट ने इतना सबकुछ मिलने के बावजूद कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश में हिस्सा लिया, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इसीलिए सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया गया है.