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सचिन ने बनाया इतिहास, जड़ा महाशतक

सचिन तेंदुलकर ने आखिर अपना महाशतक पूरा कर लिया है. साल भर के लंबे इंतजार के बाद सचिन को बांग्लादेश की धरती रास आई और उन्होंने एशिया कप में बांग्लादेश की टीम के खिलाफ ही अपना महाशतक पूरा किया.

सचिन तेंदुलकर सचिन तेंदुलकर
आजतक वेब ब्यूरो
  • मीरपुर,
  • 16 मार्च 2012,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

सचिन तेंदुलकर ने आखिर अपना महाशतक पूरा कर लिया है. साल भर के लंबे इंतजार के बाद सचिन को बांग्लादेश की धरती रास आई और उन्होंने एशिया कप में बांग्लादेश की टीम के खिलाफ ही अपना महाशतक पूरा किया.

21 साल से अंतर्राष्टीय क्रिकेट में सक्रिय सचिन ने शुक्रवार को एशिया कप के अंतर्गत शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में जारी अपने दूसरी लीग मुकाबले में बांग्लादेश के गेंदबाज साकिब अल हसन की गेंद पर एक रन लेने के साथ यह मुकाम हासिल किया. सचिन ने अपनी 147 गेंदों की पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया और 114 रन बनाए. सचिन को आखिरकार मुर्तजा ने विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम के हाथों कैच आउट कराया.

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इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर ने बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में पहला शतक भी जमाया.

तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक पिछले साल विश्व कप के दौरान 12 मार्च को नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था. 99वां अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने के बाद सचिन ने 100वें शतक के लिए 34 पारियों का इंतजार करवाया. इस दौरान खास बात यह रही कि सचिन तेंदुलकर ने बिना शतक जड़े ही हजार रन बना लिए. सचिन ने इस दौरान खेली गई 33 पारियों में 1100 रन बनाए और अब 34वीं पारी में महाशतक जड़ दिया.

सचिन तेंदुलकर ने अब तक 188 टेस्ट और 462 वन डे मैच खेले हैं. जहां टेस्ट मैचों में उन्होंने 51 शतक जड़ा है वहीं वनडे मैच में 49 शतक जड़ चुके हैं. टेस्ट मैचों में सचिन ने 15,470 रन बनाए हैं तो वनडे में सचिन के बल्ले से 18374 रन निकले हैं.

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18 दिसम्बर, 1989 में अपने करियर का पहला एकदिवसीय मैच खेलने वाले सचिन ने 462 मैचों की 451 पारियों में 41 बार नाबाद रहे हैं जबकि इस दौरान उन्होंने 95 अर्धशतक भी दर्ज हैं.

99वां शतक से महाशतक के बीच सचिन ने आठ अर्धशतकीय पारियां खेली. इस दिग्गज बल्लेबाज ने इस दौरान 11 टेस्ट मैच की 21 पारियों में 37.04 की औसत से 778 रन बनाये जिसमें छह अर्धशतक शामिल हैं.

दूसरी तरफ सात एकदिवसीय मैचों में वह 223 रन ही बना पाये और इस प्रारूप में उन्होंने इस बीच दो अर्धशतक लगाये. तेंदुलकर इस बीच दो बार नर्वस नाइंटीज के भी शिकार बने. इससे पहले तेंदुलकर के कैरियर में 2007 में भी एक दौर ऐसा आया था जबकि वह शतक के लिये तरस गये थे. तब सचिन ने बिना शतक के लगातार 34 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली थी.

मास्टर ब्लास्टर ने उस दौरान 15 अर्धशतक लगाये थे. वह तब सात बार नर्वस नाइंटीज के शिकार बने. इनमें से तीन बार तो तेंदुलकर केवल एक रन से शतक से चूक गये थे. इस बीच उन्होंने छह टेस्ट मैच में 44.40 की औसत से 444 रन और 23 वनडे में 48.47 की औसत से 1115 रन बनाये थे. तेंदुलकर ने दो जनवरी 2008 से आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में शुरू हुए टेस्ट मैच में शतक का इंतजार खत्म किया था.

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद तेंदुलकर को पहले शतक के लिये 21 पारियों तक इंतजार करना पड़ा था लेकिन इससे पहले की 20 पारियों में उन्होंने 553 रन बनाये थे जिसमें चार अर्धशतक शामिल थे. इसके बाद उन्होंने अपने दूसरे शतक के लिये भी काफी इंतजार किया था.

तेंदुलकर ने अपना पहला शतक अगस्त 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में लगाने के बाद दूसरा सैकड़ा जनवरी 1992 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लगाया था. इस बीच उन्होंने 24 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली जिनमें 29.54 की औसत से 650 रन बनाये. उन्होंने सितंबर से लेकर दिसंबर तक बीच में 21 अंतरराष्ट्रीय पारियों में भी शतक नहीं जड़ा था लेकिन इस बीच उनके बल्ले से 680 रन ही निकले थे.

सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन अंतर्राष्ट्रीय मैचों में शतकों का शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं. उनके नाम सर्वाधिक टेस्ट तथा एकदिवसीय शतक के अलावा टेस्ट तथा एकदिवसीय मैचों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकार्ड है.

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