
महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को महंगा पड़ गया. बिहार के मुजफ्फरपुर के सीजेएम सूर्य कांत तिवारी की कोर्ट में परिवाद दाखिल हुआ है.
मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना क्षेत्र के पक्की सराय निवासी नैयर की याचिका को सीजेएम सूर्यकांत तिवारी की अदालत ने स्वीकार कर लिया. अदालत ने इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है.
जानकारी के मुताबिक राजू नैयर की ओर से दायर इस परिवाद के आधार पर बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295, 504 के तहत केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.
क्या है पूरा मामला
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा हो रही थी. चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए राजा गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा. ए राजा के इतना कहते ही साध्वी प्रज्ञा ने टोक दिया.
साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताते हुए कहा, 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.' हालांकि, प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया. बीजेपी और सरकार ने भी अपनी सांसद के बयान से किनारा कर लिया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गोडसे के बारे में सोचना भी निंदनीय है.