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सहारनपुर बॉर्डर पर पीड़ित परिवार से मिले राहुल गांधी, कहा- गरीबों की नहीं सुनी जा रही

उत्तर प्रदेश प्रशासन से इजाजत न मिलने बावजूद सड़क के रास्ते सहारनपुर के लिए निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सरसावां पहुंचे, जहां उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी उनके साथ हैं.

राहुल गांधी को प्रशासन ने नहीं दी है सहारनपुर जाने की इजाजत राहुल गांधी को प्रशासन ने नहीं दी है सहारनपुर जाने की इजाजत

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को जातीय हिंसा से प्रभावित सहारनपुर के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे. यहां उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर फेल है. इस देश में जो शक्तिशाली नहीं है, वह डरा हुआ है. इस तरीके से देश को नहीं चलाया जा सकता.

राहुल गांधी ने कहा कि सहारनपुर जाना चाहता था, मुझे जाने नहीं दिया गया. वास्तव में वे मुझे यूपी बॉर्डर पर रोके थे, मैं उठ कर यहां आ गया. उन्होंने कहा कि आज के हिंदुस्तान में गरीब, कमजोर के लिए जगह नहीं है. दलितों को दबाया जा रहा है. ये पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है.

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देशद्रोही शक्तियों को शह दे रहे हैं PM मोदी
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मुझे प्रशासन ने कहा है इसलिए मैं वापस जा रहा हूं. जैसे ही यहां समस्या ठीक होगी, वो मुझे गांव में ले जाएंगे. राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जल रहा है. कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर में शांति लाए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में देशद्रोही शक्तियों को शह दे रहे हैं.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जब शांति होती है, तो हिंदुस्तान को फायदा होता है. हिंसा होती है, तो पाकिस्तान को फायदा होता है. ये काम प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं.

राहुल का काफिला करनाल होते हुए यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर की तरफ रवाना हुआ था. वहीं प्रशासन ने राहुल की इस यात्रा के मद्देनजर यूपी-हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था. राहुल की अगुवाई के लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय कांग्रेस नेता भी यमुना पुल पर बड़ी संख्या में मौजूद थे.

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प्रशासन ने कहा- दौरा रद्द करें राहुल
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आदित्य मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह अपना दौरा रद्द करें क्योंकि वह किसी भी भ्रम और उकसावे की स्थिति से बचना चाहती है. अगर राहुल आते हैं तो उनको जिले की सीमा पर रोक लिया जाएगा और वापस जाने का आग्रह किया जाएगा. लेकिन अगर वह नहीं मानते हैं तो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं सूत्रों ने कहा कि अगर प्रभावित इलाकों में पीड़ितों से मिलने की इजाजत नहीं दी गई, तो राहुल गिरफ्तारी देंगे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, वे गरीबों, दलितों और आदिवासियों की आवाज दबा नहीं सकते. राहुल गांधी और कांग्रेस उनकी आवाज उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा, कोई भी हिंसा के पीड़ितों तक राहुल को पहुंचने से नहीं रो सकता. यह हिंसा बीजेपी के गुंडो के द्वारा कराई गई.

राहुल का शब्बीरपुर गांव जाने का कार्यक्रम है, जहां 5 मई को दलितों के मकानों को आग लगाई गई थी. वहीं खबर है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी राहुल के साथ सहारनपुर यात्रा में शामिल हो सकते हैं.

इससे पहले सहारनपुर जिले के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया था कि राहुल को सहारनपुर आने की इजाजत नहीं दी गई है. वहीं इस बारे में जिलाधिकारी पीके पांडेय ने बताया कि कांग्रेस कमेटी ने प्रशासन से राहुल गांधी के दौरे को लेकर इजाजत मांगी थी. इस संबंध में एलआईयू सहित कई गुप्तचर विभागों की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी.

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इसमें बसपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पिछले सहारनपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इलाके में राजनीतिक हस्तियों के दौरे से ठाकुरों और दलितों में उत्तेजना पैदा की आशंका है. ऐसे में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राहुल गांधी को यात्रा की इजाजत नहीं जा रही.

प्रशासन ने नहीं दिया कोई जवाब
कांग्रेस नेता और SC/ST आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया शुक्रवार को सहारनपुर के जिला अस्पताल पहुंचे. पुनिया ने कहा कि शब्बीरपुर की हिंसा राज्य सरकार और जिला प्रशासन की नाकामी है. हिंसा पीड़ित लोगों को न्याय और मुआवजा मिलना चाहिए. पुनिया ने कहा कि हमने राहुल गांधी के दौरे को लेकर जिला प्रशासन से लिखित अनुमति मांगी है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया है.

गौरतलब है कि पिछले एक महीने से अधिक समय में 20 अप्रैल, 5 मई, 9 मई और 23 मई को यहां जो घटनाएं घटी, उसने इस जिले के शांतिप्रिय माहौल को प्रभावित किया है. इस दौरान ऐसा महसूस किया गया कि कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में कमी रही और उसी का नतीजा रहा कि योगी सरकार ने यहां प्रशासनिक स्तर पर नई टीम भेजी, जो पूरे मामले की समीक्षा करते हुए इस माहौल को शांत और सामान्य करने मे जुटी है.

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क्या है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था. इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था.

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