
दिल्ली में साहित्य आजतक शुरू हो गया है. पहले सत्र में सिंगर अनूप जलोटा और सिंगर तलत अज़ीज़ ने शिरकत की. इस सत्र की शुरुआत करते हुए अनूप जलोटा ने कहा कि डिजिटल और टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में संगीत दूर नहीं गया बल्कि और भी लोगों के नज़दीक पहुंच चुका है. तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में साहित्य कला और संगीत के क्षेत्र के दिग्गज शामिल हो रहे हैं.
पहला सत्र: गुम होते भजन और ग़ज़ल
साहित्य आजतक, 2017 के उद्घाटन सत्र में भजन गायक अनूप जलोटा और गजल गायक तलत अजीज ने शिरकत की. इस सत्र को अंजना ओम कश्यप ने होस्ट किया. इस दौरान अनूप जलोटा ने भजन पर बात करते हुए कहा, ये भजन का सबसे अच्छा दौर है. इस समय 15 टीवी चैनल धार्मिक कंटेट बेस्ड हैं. रीजनल की बात की जाए तो 45 चैनल धार्मिक है. पहले फिल्में भजन तक सीमित थी, इसके बाद अलबम और कैसेट्स आए. फिर महाभारत रामायण और अब ये जगह चैनल्स ने ले ली है.
गजल के बारे में जलोटा ने कहा, जब तक मोहब्बत है, तब तक गजल रहेगी. ये मोहब्बत की भाषा है. हिन्दुस्तान में लोग दिन की शुरुआत भजन से करते हैं और शाम गजल सुनकर बिताते हैं. सिंगर तलत अजीज ने कहा, गजल हमेशा ही रहेगी. इसका अपना वर्ग है. मैं पिछले दिनों अमेरिका से लौटा हूं. वहां मैंने 26 दिन में 10 शहर घूमे. मैंने देखा वहां के लोगों में गजल की प्यास अभी भी बरकरार है. वहां एक विदेशी महिला मेरे पास आई और बोली मैं आपकी फैन हूं. मैं कहा, किस तरह आप मेरी फैन हूं. उसने कहा मैं सुना है 'जिंदगी जब भी तेरे बज्म में लाती है हमें' ये सुनने के बाद मुझे लगा कि मुझे उसके साथ फोटो खिंचानी चाहिए.
अजीज ने गजल आ असली मतलब समझाया. उन्होंने कहा, एक बार एक लड़की ने मुझसे पूछा कि हम जैसे युवा कैसे गजल सीख सकते हैं, मैंने दो लाइन गाकर बताई 'अगर तलाश करूं कोइ मिल ही जाएगा, मगर तुम्हारी तरह मुझको कौन चाहेगा' उससे सुनने मैं अच्छा लगा. मैंने कहा यही गजल है. जो दिल को छू जाए, वही गजल की परिभाषा है.
कली पुरी के भाषण से हुआ साहित्य आज तक का आगाज
साहित्य आज तक की शुरुआत करते हुए इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए आजतक की कोशिश हिंदी साहित्य, संगीत को बढ़ावा देने की है. कली ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए हम नई जेनेरेशन तक साहित्य को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे स्मार्ट फोन की दुनिया में कबीर के दोहे गुम न हो जाएं.
कली पुरी ने कहा कि पिछले साल साहित्य आजतक नोटबंदी के ऐलान के तुरंत बाद हुआ था और लोगों के पास पैसे नहीं थे. इस बार दिल्ली एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है. पर दोस्ती और प्यार का रिश्ता कुछ ऐसा ही होता है. कली ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि बीते 17 सालों की तरह इस साल एक बार फिर आप सभी हमारे साथ हैं. कली के मुताबिक इसी प्यार के चलते आज तक लगातार देश का नंबर वन चैनल बना हुआ है.
हमने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. इराक की आग में चले गए, मुंबई की बारिश में. हम राम रहीम के दंगल में भी गए, मार भी खाए, बीमार भी पड़े, पर पीछे नहीं हटे.
कली ने कहा कि 'शायर होती तो सुंदर सा शेर सुना देती. पर ये शायर पर छोड़ती हूं. मेरा तो यही वादा है कि हम अपना काम करते रहें. आपको सबसे तेज रखने का. ये दोस्ती ये रिश्ता अमर रहे. जय हिंद.'
तीन दिनों तक आपके बीच रहेगा साहित्य आज तक
दिल्ली के गलियारों में गुलाबी सर्दी अपने पांव फैलाने लगी है. कोहरा थोड़ा ज्यादा है, लेकिन ये दिल्ली की तबीयत है. इसी कोहरे की चादर तले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में साहित्य आजतक की महफिल जमेगी. साथ में होंगे हिंदुस्तान के नामचीन फनकार, जो अपने सुरों और शब्दों से साहित्य आजतक की महफिल को चार चांद लगाएंगे.
शुक्रवार की दोपहर जब सूरज पश्चिम की ओर चलना शुरू होगा, साहित्य आजतक के मंच पर पहले दिन के पहले सत्र में अनूप जलोटा और तलत अजीज भजन और गजल के स्वर फूंकेंगे. इन्हीं स्वरों के आधार में राष्ट्रीय कला केंद्र में होने वाला तीन दिवसीय महोत्सव रफ्ता-रफ्ता परवान चढ़ेगा.
पहले दिन के आगे के सत्रों में श्रोताओं और दर्शकों को नीलेश मिसरा के किस्से मिलेंगे, तो सुधांशु फिरदौस, गौरव सौलंकी और बाबुशा कोहली 'नई आवाज' में अपनी कविताएं आपके सामने रखेंगे. फिर हंसराज हंस की कव्वाली होगी, तो प्रसून जोशी की कविताएं और सिनेमा की बातें भी खूब होंगी. पहले दिन के आखिरी सत्र में निजामी ब्रदर्स और अन्य की कव्वाली सुनने को मिलेगी.
इनके अलावा तीन दिवसीय कार्यक्रम में फिल्मकार करण जौहर, अभिनेता ऋषि कपूर, लेखक-गीतकार जावेद अख्तर, प्रसून जोशी के अलावा हिंदी साहित्य के कई जाने-माने लोग 'साहित्य आजतक' में शामिल होंगे. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में साहित्य आजतक महोत्सव का ये दूसरा संस्करण होगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल, रंगमंच और राजनीति की जानी-मानी हस्तियां भाग लेंगी.
आरिफ जकारिया और सोनाली कुलकर्णी के नाटक 'गर्दिश में तारे' के अलावा मामे खान और नूरां सिस्टर्स की नि:शुल्क प्रस्तुति इस साहित्योत्सव का आकर्षण होंगे.
साहित्योत्सव का हिस्सा कुमार विश्वास, पीयूष मिश्रा, चेतन भगत, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, हंस राज हंस, जयदीप साहनी, रचना बिष्ट रावत, दीक्षा द्विवेदी, मंजर भोपाली, देवदत्त पटनायक, यतींद्र मिश्रा व सुदीप नागरकर भी बनेंगे. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी वक्ताओं में से एक होंगे.
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