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साहित्य आजतक: पिछले 30 साल में मुझे कई बार राजनीति में आने का ऑफर मिला- अनुपम खेर

प्रख्यात अभ‍िनेता अनुपम खेर ने कहा है कि पिछले 30 साल में उन्हें विभ‍िन्न राजनीतिक दलों से कई बार राजनीति में आने का ऑफर मिल चुका है, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी अच्छा काम कर रहे हैं तो वह उनकी तारीफ करते रहेंगे.

साहित्य आजतक के मंच पर अनुपम खेर साहित्य आजतक के मंच पर अनुपम खेर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:15 AM IST

  • साहित्य आजतक 2019 के मंच पर पहुंचे अनुपम खेर
  • अनुपम खेर ने अपनी नई किताब के बारे में सबको बताया
  • उन्होंने कहा कि उन्हें कई बार राजनीति में आने का ऑफर मिला है

प्रख्यात अभ‍िनेता अनुपम खेर ने कहा है कि पिछले 30 साल में उन्हें विभ‍िन्न राजनीतिक दलों से कई बार राजनीति में आने का ऑफर मिल चुका है, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी अच्छा काम कर रहे हैं, तो वह उनकी तारीफ करते रहेंगे और इसकी परवाह नहीं करते कि ट्रोलर क्या कहते हैं. साहित्य आजतक 2019 के मंच पर अनुपम खेर ने यह बात कही.

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अपनी किताब 'लेसन्स लाइफ टॉट मी, अनुपम खेर' के बारे में इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से अनुपम खेर ने बात की. जब यह सवाल किया गया कि अगर पीएम मोदी या बीजेपी से उन्हें राज्यसभा टिकट का ऑफर मिले ताे क्या करेंगे, तो इस पर अनुपम खेर ने कहा, 'आपको कैसे पता चला कि मुझे अभी तक नहीं मिला है. मुझे पिछले 30 साल से अलग-अलग पार्टियों से ऑफर मिलता रहा है. ऐसा बहुत बार हुआ है. जब मैं राजनीति ज्वाइन करना चाहूंगा तो सबसे पहले आपको बताऊंगा.

मोदी का चमचा कहे जाने पर

कुछ लोग उन्हें 'मोदी का चमचा' तक कह देते हैं इस पर अनुपम खेर ने कहा, 'वे लूजर लोग हैं, मैंने अपनी किताब में ऐसे लोगों की चर्चा की है. मैंने अपनी किताब में यह भी बताया है कि मैं केजरीवाल से निराश क्यों हुआ. उन्होंने देश को भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का सपना दिखाया था. मनीष सिसोदिया के अलावा सभी लोगों ने पार्टी क्यों छोड़ दी. वह एक सफल राजनीतिज्ञ हैं, लेकिन अच्छे व्यक्ति नहीं. मोदी ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है. विपक्ष के पास राहुल गांधी जैसा ऐसा नेता है, जो यहां ठहरता ही नहीं. तो जो लोग बेस्ट वर्क कर रहे हैं उनकी तारीफ क्यों नहीं करना चाहिए. अगर मोदी की तारीफ करने के लिए ट्रोल किया जा रहा है, तो यह मेरे लिए बेस्ट ट्रोल है'  

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अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने पर

अनुपम खेर ने कहा, 'यह अच्छा संयोग है जिस दिन मेरी किताब रिलीज हुई, उसी दिन अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया. यह मेरे उत्साह को बढ़ाने वाली बात है. 70 साल तक जो गलत था, उसे ठीक किया जाना चाहिए था. इसे काफी पहले बदल जाना चाहिए था. 370 हटना मुस्लिम, सिख, कश्मीरी पंडित सबके बेहतरी में है. बहुत लोगों को यह पता नहीं है कि इससे लोगों के कई तरह के अधिकार छिन जाते हैं, इस तरह के निर्णय लिए जाते हैं, तो कई और लोगों की रीढ़ की हड्डी भी सीधी हो जाती है. मुझे अक्सर लोग कहते हैं कि आप तो शिमला में पैदा हुए थे, आप किस तरह से कश्मीरी पंडितों की बात कर सकते हैं. तो इस तरह से तो सभी एनआरआई से भी कहा जाएगा कि आप तो अमेरिका  या कहीं और रहे हैं, आप भारत की बात कैसे कर सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मेरे पूर्वजों ने आजादी के लिए काम नहीं किया तो क्या मैं भारत की बात नहीं कर सकता. मेरे पूर्वजों को आखि‍र कश्मीर क्यों छोड़ना पड़ा. 1948 में कबायलियों ने अटैक किया जिसके बाद मेरे दादा को लगा कि कश्मीर अब सुरक्ष‍ित नहीं है, इसलिए मेरे पूर्वजों को शिमला जाना पड़ा. आलोचना करने वाले ऑफिशि‍यल ट्रोलर हैं. ऐसे लोग लूजर हैं.' 

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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की वाणी वंदना के साथ शुरू हुआ साहित्य आजतक 2019

रिटायर नहीं होना चाहता
उन्होंने कहा कि मैं काम करते-करते मरना चाहता हूं. मुझे रिटायर होने में भरोसा नहीं है. मैं लीजेंडरी, वेटरन नहीं कहलाना चाहता. दो तरह के लोग होते हैं, आलोचक और काम करने वाले. आलोचक जिंदगी भर आलोचना करते रहते हैं.  जो काम करने वाले होते हैं, वे इस तरह मंच पर बैठकर इंटरव्यू दे रहे होते हैं. मेरे पिता जब 58 साल में रिटायर हुए तो वे डिप्रेशन में चले गए, क्या मैं भी इसी तरह से करूं.

किताब में क्या है
अनुपम खेर ने अपनी किताब के बारे में बताया, ' मेरी किताब मेरे फेलियर के बारे में है. हमारे यहां फेलियर के बारे में बहुत डराया जाता है. मेरा पहला प्ले, मेरा पहला स्टेज, पहला इंग्ल‍िश प्ले सब फेलियर के बारे में.'

मुझसे कम एक्ट‍िंग करने को कहा जाता है
मेरे साथ कई बार ऐसी मजेदार चीज हुई है कि डायरेक्टर मुझसे कम एक्ट‍िंग करने को कहते हैं. अमेरिका में तो एक बार जब मैंने ऑडिशन दिया तो उन्होंने मुझसे 99 फीसदी कम एक्ट‍िंग करने को कहा. हिंदी फिल्मों का एक्टर दुनिया में सबसे प्रतिभावान लोगों में से है. क्या हॉलीवुड के लोग डांस, गाना कर सकते हैं. क्या टॉम क्रूज गा सकते हैं-तुझे देखा तो ये जाना सनम.

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गौरतलब है कि साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' आज से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में शुरू हो चुका है. साहित्य, कला, संगीत, संस्कृति का यह जलसा आज से 3 नवंबर तक चलेगा. शुक्रवार सुबह साहित्य आजतक का आगाज छायावादी युग के प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की वाणी वंदना से हुआ. तीन दिन तक चलने वाले साहित्य के महाकुंभ साहित्य आजतक में कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और सिनेमा जगत की मशहूर हस्तियां शामिल हो रही हैं.


साहित्य आजतक के अगले दिनों के कार्यक्रम


 2 नवंबर- दूसरे दिन का कार्यक्रम
11.00-11.45
भोजपुरी स्टार रवि किशन और मनोज तिवारी के भोजपुरियां संगीत से होगी शुरुआत.
11.45-12.30
एक्टर और अभिनेता आशुतोष राणा अपनी कविताओं से युवाओं में जोश भरेंगे.
12.30-13.15
सब बढ़िया है सत्र में गीतकार वरुण ग्रोवर बांधेंगे समा.
13.15-02.00
अभिनेता और कवि शैलेश लोढ़ा अपनी राय साझा करेंगे.
02.00-02.45
हमको सिर्फ तुमसे प्यार है सत्र में गीतकार समीर अपने गीतों से युवाओं को क्रेजी करेंगे.
02.45-03.30
गीतकार मालिनी अवस्थी की लोक गायिकी.
03.30-04.15
लेखर और गीतकार प्रसून जोशी मंच पर होंगे.
04.15-05.00
साहित्य के यंगिस्तान सत्र में लेखक सत्य व्यास और दिव्य प्रकाश दुबे शिरकत करेंगे.
05.00-06.00
इरशाद कामिल की बैंड परफॉर्मेंस.
06.00-08.00
सौरभ शुक्ला का चर्चित नाटक 'बर्फ' और नाटक 'अकबर द ग्रेट नहीं रहे' रंग मंच की खास प्रस्तुति.
08.00-09.00
रुहानी सिस्टर्स की कव्वाली.

3 नवंबर- तीसरे दिन का कार्यक्रम
11.00-12.00
ऐसी लागी लगन फेम अनूप जलोटा अपनी धुन छेड़ेंगे.
12.00-12.45
कवि अशोक वाजपेयी, लेखक और पत्रकार राहुल देव, लेखर पुष्पेश पंत मंच पर होंगे.
12.45-01.30
कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर अपना गायन पेश करेंगे.
01.30-02.30
सिंगर पंकज उधास अपने गानों से समा बांधेंगे.
02.30-03.30
यह देश है वीर जवानों का सत्र में कवि हरिओम पवार, राहुल अवस्थी, विनीत चौहान अपने देशभक्ति कविताएं प्रस्तुत करेंगे.
03.30-04.15
लेखक और फिल्मकार इम्तियाज अली अपने अनुभव साझा करेंगे.
04.15-05.00
गीतकार हंस राज हंस अपना सूफियाना कलाम पेश करेंगे.
05.00-05.30
गीतकार स्वानंद किरकिरे महफिल जमाएंगे.
05.30-06.00
गीतकार और संगीतकार विद्या शाह और लेखर यतींद्र मिश्र मंच पर अपने अनुभव साझा करेंगे.
06.00-08.00
मुशायरा में शायर वसीम बरेलवी, राहत इंदौरी, नवाज देवबंदी, अभिषेक शुक्ला, एस आर जीशान नियाजी, कुंवर रंजीत चौहान शिरकत करेंगे.
08.00-09.00
सिंगर शुभा मुद्गल का गायन

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