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अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन का सॉन्ग खई के पान बनारस वाला आज भी जब बजता है तो पैर थिरकने के लिए मजबूर हो जाते हैं. गाने को काफी पसंद किया जाता है. लेकिन इस गाने की रिकॉर्डिंग के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है. किशोर कुमार ने तो गाना गाने से भी मना कर दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने गाना गाया और गाना सुपरहिट साबित हुआ. साहित्य आजतक 2019 के मंच पर बॉलीवुड के मशहूर गीतकार समीर ने किस्सा शेयर किया.
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कैसे रिकॉर्ड हुआ खईके पान बनारस वाला?
समीर ने कहा- 'जब खई के पानन बनारस वाला शूट हुआ था उस वक्त में 17 या 18 साल का था. जिस वक्त वो गाना रिकॉर्ड हो रहा था वो सीन बहुत ही अच्छा है. किशोर कुमार, अमिताभ बच्चन और मेरे पापा रिकॉर्डिंग रूम में बैठे थे. सभी ये बात जानते थे कि किशोर कुमार बहुत मलंग किस्म के इंसान हैं. मेरे दिमाग में उनको लेकर कई सारी इमेज थी. लेकिन जब मैं उनसे मिला तो मैं स्तब्ध रह गया. वो लुंगी और दो तरह की चप्पल पहने हुए थे. एक पैर में अपनी और दूसरे पैर में अपनी पत्नी की. साथ ही उन्होंने काजल भी लगाया हुआ था.'
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समीर ने आगे कहा- 'जब मेरे पापा ने किशोर जी के आगे गाने के शब्द सुनाने शुरू किए तो चकित रह गए थे. उन्हें उस गाने के शब्द बहुत ही अजीब लगे. भंग का रंग जमा हो चकाचक बोल सुनते हुए किशोर दा पिता से बोले अंजान ये किस शहर के शब्द हैं, मैंने पहले कभी चकाचक शब्द ही नहीं सुना. ये कहते हुए पहले उन्होंने गाना गाने से तुरंत इनकार कर दिया था. तब पिता ने किशोर दा से कहा कि शब्दों को समझने के लिए आपको बनारस की गलियों की खाक छाननी पड़ेगी. हालांकि, बहुत समझाने के बाद वो गाने के लिए तैयार हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक बार ही गाना गाऊंगा. किशोर ने पूरा गाना एक ही बार में रिकॉर्ड किया. लोग कहते हैं कि किशोर कुमार बहुत कंजूस आदमी थे लेकिन मेरे पापा ने बहुत सारे गाने लिखे और किशोर कुमार ने उन्हें बहुत पैसा कमाकर दिया.'