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कैलाश खेर की रूहानी आवाज से होगा साहित्य आजतक 2019 का आगाज

राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 1 नवंबर से 3 नवंबर तक सजने वाले साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ साहित्य आजतक 2019 का आगाज कैलाश खेर की रूहानी आवाज होगा.

कैलाश खेर, इंडिया टुडे के सफाईगिरी कार्यक्रम में [फोटो: Vikram Sharma and Pankaj Nangia] कैलाश खेर, इंडिया टुडे के सफाईगिरी कार्यक्रम में [फोटो: Vikram Sharma and Pankaj Nangia]
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

नई दिल्लीः कैलाश खेर की रूहानी आवाज सीधे दिल में उतरती है...और इस बार आवाज के उसी जादू से साहित्य आजतक 2019 का आगाज होगा. 1 नवंबर से 3 नवंबर तक राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सजने वाले साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ साहित्य आजतक में इस बार कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और सिनेमा जगत के एक से बढ़कर एक दिग्गज आ रहे हैं. 'साहित्य आज तक ' का यह चौथा साल है.

इस साल इस का मंच और भी भव्य, और भी शानदार होगा. साहित्य आजतक 2019 में असमिया, ओड़िया, गुजराती, मराठी, पंजाबी, राजस्थानी, बुंदेलखंडी, छत्तीसगढ़ी, मैथिली, भोजपुरी जैसी भारतीय भाषाओं को भी शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त साहित्य आज तक अंग्रेजी के लिए भी शानदार मंच सजेगा.

ऐसे में कैलाश खेर खुद भी साहित्य आजतक 2019 के मंच पर होने को लेकर काफी उत्साहित हैं. चाहे प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी हो गई मैं दीवानी...तेरी दीवानी- तेरी दीवानी हो, या फिर तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं... चाहे या फिर टूटा-टूटा एक परिंदा... कैलाश खेर के ये गाने हर उम्र के लोगों के दिलों में धड़कते हैं.

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सूफी और फिल्मी गीतों, जिनमें रब्बा इश्क ना होवे...चांद सिफारिश जो करता हमारी जैसे मोहब्बत के शानदार अफसाने शामिल हैं के अलावा कैलाश खेर ने भगवान शिव की स्तुति में भी ढेरों गाने गाए हैं. बाहुबली फिल्म का शिव तांडव स्त्रोत इसमें शामिल है. साल 2017 में भारत सरकार से पद्मश्री से सम्मानित कैलाश का....हाथ जोड़ के बोली गवर्जा, तीनों लोक बसाये बसती में, आप बसें वीराने में...आदि से आप भक्ति रस में डूबने से शायद ही बच पाएं. तो सूफी  संगीत और क्लासिक के इस महारथी को सुनिए 'साहित्य आजतक 2019 ' के मंच पर लाइव.

इससे पहले की देर हो जाए, साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019 ' के लिए अभी रजिस्ट्रेशन कराएं. साहित्य का यह जलसा हर साल की तरह इस साल भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 1 नवंबर से 3 नवंबर को लग रहा है. इसके लिए फ्री रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो चुकी है. जल्दी ही यहां दिए लिंक साहित्य आजतक 2019 पर क्लिक करें, और रजिस्ट्रेशन करा लें या फिर हमें 8512007007 नंबर पर मिस्ड काल करें.

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