
देश में लोकतंत्र के महाकुंभ यानी आम चुनावों की घोषणा की जा चुकी है. चुनाव आयोग ने देश की 543 संसदीय सीटों पर सात चरणों में चुनाव कराए जाने का ऐलान कर दिया है. नई सरकार बनाने के लिए 11 अप्रैल से प्रक्रिया की शुरुआत की जानी है. जिसमें 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, ये चुनाव का पहला चरण होगा. अंतिम चरण में वोटिंग 19 मई को होगी, जिसके बाद पूरे देश के चुनाव नतीजों का ऐलान 23 मई को किया जाएगा. दूसरे चरण के चुनावों में 13 राज्यों की कुल 97 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें से तमिलनाडु की सलेम सीट भी एक है.
इस संसदीय सीट से नामांकन रद्द होने और नाम वापस लेने की प्रक्रिया के बाद फाइनल नामों को चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल चुकी है, जिनमें सदायन एम(बहुजन समाज पार्टी), सर्वानन केआरएस(ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), पार्थीबन एसआर(द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), सिलमबरासन सी(तमिलनाडु इलांगर काची ), प्रभु मनिकंदन एम(मक्कल निधि मय्यम), रासा ए(नाम तमिलर काची), मोहन पी(सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया(कम्युनिरस्ट)), सुधिश एलके(देसिया मोरपोक्कू द्रविड़ कड़गम), गणेश एच(मक्कल निधि मय्यम) का नाम शामिल है.
वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों में अहमद शाहजहां एम, कलाईमन्नन एम, सिवारमन एस, सुरुलिवेल एनके, सेल्वेम एसके, तमिलारासन टी, नटराजन सी, प्रवीणा जी, मदेस्वरण एस, मूर्ति कामाराजर एम, रवि ए, रामचंद्रन केटी, राजा ए और हरिहरण के हैं.952 में अस्तित्व में आने के बाद यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 1991 से 2014 तक यहां 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें दो बार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को जीत मिली है जबकि चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), एक बार निर्दलीय और एक बार TMC(M) ने जीत दर्ज की है. वहीं 2009 से इस सीट पर एआईएडीएमके का कब्जा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 76.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जिसमें से एआईएडीएमके को 48.38 फीसदी, बीजेपी को -%, डीएमके को 25.12 फीसदी और कांग्रेस को 4.04 फीसदी वोट मिले थे. जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में 76.42 फीसदी मतदान हुआ था जिसमें एआईएडीएमके को 42.48 फीसदी, बीजेपी को -%, डीएमके को -% और कांग्रेस को 37.29 फीसदी वोट मिले थे.
2014 का जनादेश
2014 में एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता ओ. पनीरसेल्वम ने 2,67,610 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्हें 14,98,350 में से 5,56,546 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमके नेता एस. उमाराणी को 2,88,936 वोट मिले थे. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी को 46,477 और आम आदमी पार्टी को 5,198 वोट मिले थे. जबकि नोटा के हिस्से में 20,601 वोट आए थे. बता दें कि अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) ने 2014 लोकसभा चुनाव पार्टी सुप्रीमो दिवंगत जे. जयललिता के नेतृत्व में लड़ा था और राज्य की 39 में से 37 सीटों पर जीत मिली थी.
2011 की जनगणना के मुताबिक सेलम लोकसभा संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 19,54,050 है, जिसमें 36.26 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं तो वहीं 63.74 फीसदी शहरी आबादी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 14.21 फीसदी है जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 0.74 फीसदी है.
इसके अलावा 2014 लोकसभा चुनाव के आकड़ों के मुताबिक यहां 14,98,350 मतदाताओं में से 11,50,296 मतदाताओं ने वोटिंग की थी. जिसमें 78.13 फीसदी पुरुषों और 75.37 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया था यानी कुल 76.77 फीसदी मतदान हुआ था.
सेलम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें ओमालुर (Omalur), एडप्पादी (Edappadi, सलेम वेस्ट ( Salem West), सेलम नॉर्थ (Salem North), सेलम साउथ (Salem South) और वीरापंडी (Veerapandi) शामिल हैं.
गौरतलब है कि चुनाव के पहले चरण में 18 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद 25 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख थी. दूसरे दिन स्क्रूटनी के बाद तय नामों पर 11 अप्रैल को संसदीय क्षेत्र के मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाएंगे.
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