
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती अगर विवादों में ना फंसती तो आज सिनेमाघरों में रिलीज हो रही होती. लेकिन तमाम नेताओं और संगठनों के विरोध की वजह से फिल्म की रिलीज पर संकट गहराया है. फिल्म इंडस्ट्री का भंसाली को पूरा सपोर्ट मिल रहा है. सलमान खान ने एक बार फिर फिल्म का खुलकर समर्थन किया है.
उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना सही नहीं है. लेकिन किसी फिल्म को देखे बिना ही उसपर कमेंट करना भी गलत है. सेंसर बोर्ड को फिल्म को सर्टिफिकेट देना है और हम उस सर्टिफिकेट के साथ जाएंगे. सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. मैं पिछले 25 साल से सुप्रीम कोर्ट का सम्मान कर रहा हूं.
पद्मावती पर रोक लगाए केंद्र सरकार, नहीं तो वो करेंगे कि इतिहास याद रखेगा: तोगड़िया
उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन की वजह से फिल्म के कारोबार पर असर पड़ता है. फिल्म के बिजनेस में 100 प्रतिशत का घाटा होता है. फिल्म अगर खबर में होती है तो लोग डर की वजह से सिनेमाघर तक पहुंचते ही नहीं हैं. यहां तक कि सिनेमाघर के मालिक भी डर जाते हैं क्योंकि वो हिंसा नहीं चाहते.
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सलमान खान पद्मावती के सपोर्ट में खड़े हुए हो. पिछले महीने भी उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है सेंसर को मामले में फैसला करना चाहिए. भंसाली खूबसूरत और अच्छी फिल्में बनाते हैं. उनकी फिल्मों में वल्गर और गंदी चीजें नहीं होती. वह किसी किरदार को गलत एंगल से नहीं फिल्मा सकते हैं.
फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ गलत- नाना पाटेकर
बता दें, जब दीपिका पादुकोण पद्मावती का प्रमोशन करने बिग बॉस में गई थीं, तब भी सलमान ने फिल्म के खिलाफ की जा रही गलत बयानबाजी को क्लियर करने की कोशिश की थी. उन्होंने बार-बार कैमरों पर कहा कि पद्मावती में दीपिका-रणवीर सिंह का कोई सीन साथ में नहीं है.
पद्मावती पर ढाई घंटे चली मीटिंग: कई सवालों का जवाब नहीं दे पाए भंसाली, 2 हफ्ते का समय
फिल्म को लेकर जारी हलचल की बात करें तो गुरूवार को पद्मावती मामले में संसदीय कमेटी में करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक संजय लीला भंसाली की पेशी हुई. भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. बैठक में उनसे कहा गया कि लोग किसी फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फिल्म की वजह से समाज में कोई दिक्कत नहीं हो इसकी जिम्मेदारी सांसदों की है. सतीप्रथा को लेकर कमेटी ने भंसाली को घेरा.