
बहुचर्चित काला हिरण शिकार मामले में आरोपी फिल्म अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, सोनाली, तब्बु और दुष्यंत सिंह पर आज फैसला सुना दिया गया है. कोर्ट ने सलमान को दोषी करार देते हुए अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. अजीब संजोग है जुर्म 1 अक्टूबर 1998 को हुआ. तब भी दिन गुरुवार ही था और आज फैसले का दिन भी गुरुवार ही है.
सलमान समेत तमाम सितारों पर काले हिरण के शिकार की फांस जस की तस बरकरार है. लेकिन सलमान की तरह ही इस मामले में इंसाफ का इंतजार कांकाणी गांव के लोगों को भी है. विश्नोई समाज के लोग काले हिरण और चिंकारे को अपने घर की संतानों की तरह मानते हैं. गांव के लोग भी इनके संरक्षण के लिए जान छिड़कते हैं.
चश्मदीदों के मुताबिक, 1 अक्टूबर 1998 को जोधपुर के कांकाणी गांव में रात के करीब 2 बजे खेत के आसपास अंधेरे में हेडलाइट की रोशनी चमकी. सफेद रंग की जिप्सी एक ही इलाके में लगातार घुम रही थी. गांव के लोगों को समझते देर नहीं लगी कि यहां शिकारी आ धमके हैं. काले हिरण के शिकार की कोशिश में हैं.
गोली की आवाज जब सुनाई दी तो शक यकीन में बदल गया. आधी रात को गोली चलने की आवाज आई, तो गांव वाले जग गए और लाठी डंडो के साथ उस तरफ दौड़ पड़े जिधर से आवाज आई. वहां पहुंचे तो देखा दो काले हिरणों का शिकार किया गया है. इसके लिए जिप्सी में सवार होकर कुछ आधुनिक से दिखने वाले नौजवान लड़के लड़किया आए हैं.
ग्रामीणों ने पीछा किया तो तमाम शिकारी जिप्सी लेकर भाग खड़े हुए. हालांकि चश्मदीद बताते हैं कि भागते जिप्सी में बैठे सलमान को लोगों ने तुरंत पहचान लिया. लेकिन अदालती सुनवाई के दौरान छोगाराम अपने बयान से पलट गया. बल्कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर कोर्ट में अर्जी लगा दी, कि उसे कुछ याद नहीं रहता लिहाजा उसे गवाही से अलग रखा जाए.
उस घटना के बाद दोनों काले हिरणों का पोस्टमार्टम हुआ, जिसकी रिपोर्ट अदालत में जमा है. इसके बाद सैकड़ों लोगों के सामने पारंपरिक तरीके से दोनों काले हिरणों को दफनाया गया, मगर उस दिन का मंजर आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. सलमान और उनके साथी शिकार के गुनहगार हैं या बेकसूर, ये फैसला तो अदालत का है.