
दुनिया के सबसे अमीर उपन्यासकारों में शुमार सलमान रुश्दी हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में स्थित अपने पुश्तैनी घर की मरम्मत करवाने से बेजार हैं. इस घर को पिछले 17 वर्षों से मरम्मत और रख-रखाव की दरकार है.
जर्जर हालत में है अनीस विला
सलमान रुश्दी ने 2,934 स्क्वायर यार्ड में बने अनीस विला को पांच साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ कर वर्ष 1997 वापस हासिल किया था, लेकिन आज ये भवन जर्जर हालत में है. इस घर का मेनगेट टूटा पड़ा है, छतें टपकती हैं, सीलिंग सड़ चुकी है. खिड़की-दरवाजों से शीशे गायब हैं, जालियां टूटी पड़ी हैं. घर की मौजूदा हालत का पता आप सिर्फ इस बात से ही लगा सकते हैं की घर की रखवाली कर रहे चौकीदार ने हवा और पानी से बचने के लिए गायब शीशों की जगह पर पॉलीथीन के टुकड़े काट कर चिपकाएं हैं.
लाइब्रेरी बनाने का किया था वादा
गौरतलब है की सलमान रुश्दी वर्ष 2000 में जब हिमाचल सरकार से मुकदमा जीतने के बाद पहली बार सोलन आए थे, तो उन्होंने ने अनीस विला को एक लेखक गृह बनाने की घोषणा की थी. अनीस विला को उनके पिता मुहम्मद अनीस अहमद ने वर्ष 1969 में उनको तोहफे में दिया था. सलमान रुश्दी ने इस घर में एक रात गुजारी थी और अपने वकील विजय एसटी शंकर दास से कहा था की वह इसे एक लेखक गृह और लाइब्रेरी में तब्दील करना चाहते हैं, लेकिन ये वादा पूरा नहीं हो पाया. लेखक गृह बनाना तो दूर रुश्दी इस घर की मरम्मत तक नहीं करवा पाए.
वर्ष 1927 में हुआ था अनीस विला का निर्माण
अनीस विला का निर्माण वर्ष 1927 में किया गया था, जिसे बाद में रुश्दी के दादा ने खरीदा. उसके बाद अनीस अहमद के नाम होने के बाद 1953 से 1969 के दौरान इस संपत्ति को ये कह कर अनाम घोषित कर दिया गया कि इसके मालिक पाकिस्तान चले गये हैं. इसके बाद इस भवन पर कभी हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग का तो कभी सरकारी अफसरों का कब्जा हो गया. 1992 में सलमान रुश्दी ने इस भवन पर अपना दावा ठोंका और साबित किया की वे उसके असली मालिक हैं, लेकिन उसके बाद इस खूबसूरत बंगले को भूल गए.