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शिवपाल की वापसी पर बोले अखिलेश- आंख बंद करके पार्टी में कर लेंगे शामिल

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के तेवर अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव पर नरम पड़ गए हैं. शिवपाल की वापसी पर अखिलेश ने शुक्रवार को कहा कि जो आना चाहे आए, आंख बंद करके पार्टी में शामिल कर लेंगे.

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव अखिलेश यादव और शिवपाल यादव
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 20 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

  • चाचा-भतीजे के बीच क्या कड़वाहट कम होगी
  • शिवपाल यादव क्या सपा में फिर करेंगे वापसी
  • लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल ने बनाई पार्टी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के तेवर अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव पर नरम पड़ गए हैं. शिवपाल की वापसी पर अखिलेश ने शुक्रवार को कहा कि जो आना चाहे आए,आंख बंद करके पार्टी में शामिल कर लेंगे. हम विधानसभा सदस्यता रद्द की याचिका भी वापस ले लेंगे. हमारे परिवार में परिवारवाद नहीं, लोकतंत्र है.

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बता दें कि अखिलेश यादव से सुलह की दिशा में पहला कदम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बढ़ाया है. शिवपाल ने मैनपुरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी तरफ से सुलह की पूरी गुंजाइश है. इसके बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि शिवपाल का घर में स्वागत है. अगर वे आते हैं तो पार्टी में उन्हें आंख बंद कर शामिल कर लूंगा.

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार और बसपा अध्यक्ष मायावती के गठबंधन तोड़ने के बाद से अखिलेश यादव के सामने अपनी पार्टी को बचाए रखने की बड़ी चुनौती है. एक-एक कर सपा नेता साथ छोड़ते जा रहे हैं. पिछले दिनों कई राज्यसभा सदस्यों ने सपा का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. ऐसे में अखिलेश दोबारा से पार्टी को मजबूत करने में लग गए हैं. यही वजह है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच जमी कड़वाहट की बर्फ के पिघलती नजर आ रही है.

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बता दें कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी. इसके बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपना एकछत्र राज कायम कर लिया था. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच गहरी खाई हो गई थी. हालांकि मुलायम सिंह यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दोनों नेताओं के बीच सुलह की कई कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली.

ऐसे में लोकसभा चुनाव से ऐन पहले शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों के साथ समाजवादी मोर्चे का गठन किया और फिर कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपने मोर्चे को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) में तब्दील कर दिया. ऐसे में अभी सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की याचिका डाल दी थी.

तो क्या अखिलेश के ऑफर पर समाजवादी पार्टी मेंवापस लौटेंगे शिवपाल यादव?

अखिलेश यादव के इस बयान के बड़े मायने हैं. पिछले दिनों शिवपाल यादव ने ऐलान कर दिया है कि अब वह जसवंतनगर से अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे. दूसरी तरफ कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी ने  शिवपाल यादव की सदस्यता रद्द करने की याचिका विधानसभा में दिया.

एक तरफ शिवपाल यादव अकेले लड़ने को तैयार हैं. दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने सदस्यता खत्म करने की याचिका दी है और इस बीच में अखिलेश यादव की तरफ से घर वापसी करने का इशारा बेहद अहम है. फिलहाल शिवपाल यादव की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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