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महीनों से अटका था गठबंधन, प्रियंका-अखिलेश की बातचीत से लगी मुहर

सपा कांग्रेस को किसी भी सूरत में 90 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं थी. दिल्ली से कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद जैसे सीनयिर नेताओं को मोर्चे पर लगाया था लेकिन बात नहीं बनी थी. इसके बाद प्रियंका गांधी ने खुद आगे बढ़कर मोर्चा संभाला.

अखिलेश-प्रियंका अखिलेश-प्रियंका
लव रघुवंशी
  • लखनऊ,
  • 22 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात पिछले कई महीने से अटकी थी. आखिरकार रविवार को दोनों पार्टियों के बीच सीटों पर समझौता हो गया. जानकारी के मुताबिक, इस गठबंधन में सबसे अहम रोल प्रियंका गांधी ने निभाया. कुछ दिनों पहले तक दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की उम्मीद न के बराबर हो गई थीं, लेकिन प्रियंका ने खुद मोर्चा संभालते हुए सपा नेताओं से बातचीत की. यूपी में 105 सीटों पर कांग्रेस तो सपा 298 पर लड़ेगी .

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आगे बढ़कर आईं प्रियंका
सपा कांग्रेस को किसी भी सूरत में 90 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं थी. दिल्ली से कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद जैसे सीनयिर नेताओं को मोर्चे पर लगाया था लेकिन बात नहीं बनी थी. इसके बाद प्रियंका गांधी ने खुद आगे बढ़कर मोर्चा संभाला. शनिवार को प्रियंका गांधी ने सपा नेता रामगोपाल यादव से बातचीत की. इसके बाद रविवार को उनकी बात अखिलेश यादव से हुई. इसकी जानकारी खुद कांग्रेस में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने ट्वीट कर दी.

नवंबर से अटकी थी गठबंधन की गाड़ी
शुरू से ही अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहते थे. हालांकि, मुलायम और शिवपाल खेमा कांग्रेस को कम से कम सीट देकर गठबंधन के लिए राजी करना चाहता था. इस बीच पिता-पुत्र की लड़ाई होने लगी और लगा था कि गठबंधन नहीं होगा. हालांकि, जब पिछले दिनों चुनाव आयोग ने साइकिल का निशान अखिलेश को दिया था उसके बाद फिर से गठबंधन को लेकर बातचीत तेज हो गई थी.

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काम आया प्रियंका-डिंपल समीकरण
कई दिनों से मीडिया में चर्चा थी कि प्रियंका गांधी और अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के बीच अच्छे तालुकात बन रहे हैं. इसे विधानसभा चुनवा से भी जोड़ा गया. कहा गया कि कांग्रेस और सपा में गठबंधन की शुरुआत इन दोनों के बीच बातचीत से शुरू हुई थी. यूपी में कई जगहों पर पोस्टर सामने आए थे जिसमें प्रियंका गांधी और डिंपल यादव के साथ लोकल उम्मीदवार की पोस्टर पर तस्वीरें दिखीं थीं. इसे महिला सशक्तिकरण से भी जोड़ा गया.

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