Advertisement

मायावती-अखिलेश यादव की मीटिंग से रामगोपाल यादव अनजान, कांग्रेस से गठबंधन को बताया कल्पना

SP BSP Alliance रामगोपाल यादव ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई भी है या नहीं. रामगोपाल यादव ने कहा कि उन्हें बातचीत के बारे में जानकारी नहीं है, यदि कोई घोषणा होती है तो ये बहन मायावती और अखिलेश यादव द्वारा की जाएगी.

फोटो- ANI फोटो- ANI
पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन लगभग पक्का माना जा रहा है. खबर है कि शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच लंबी बैठक हुई. सूत्र बताते हैं कि घंटे भरे से ज्यादा लंबी चली इस बैठक में दोनों दलों के बीच लगभग 71 सीटों पर सहमति बन गई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि अखिलेश के चाचा और उनके बड़े सिपहसालार रामगोपाल यादव को अबतक इसकी खबर ही नहीं है.

Advertisement

राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई भी है या नहीं. रामगोपाल यादव ने कहा, " मुझे बातचीत के बारे में जानकारी नहीं है, यदि कोई घोषणा होती है तो ये बहन मायावती और अखिलेश यादव द्वारा की जाएगी." बता दें कि रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के महासचिव हैं, ऐसे में उनका ये कहना है कि अखिलेश और मायावती के बीच मीटिंग हुई है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है, काफी हैरान करने वाला है.

अब तक की जानकारी के मुताबिक मायावती और अखिलेश के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई है. राम गोपाल यादव से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इस गठबंधन का हिस्सा होगा? तो वे पत्रकारों पर ही चिढ़ते दिखे, उन्होंने कहा, "तुम कल्पना क्यों कर रहे हो? काल्पनिक बातें क्यों कह रहे हो? ऐसा ही गठबंधन का मतलब आप समझिए और अपनी बातों को खुद समझ लीजिए." रामगोपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से ही चुनाव लड़ेंगे.

Advertisement

अब तक मिली रिपोर्ट और सूत्रों से जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की 35 सीटों पर और बसपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश और मायावती ने तय किया है कि 3 सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी जाए, जबकि 4 सीटें रिजर्व रखी गई हैं. वहीं खबर है कि अखिलेश और मायावती अमेठी और रायबरेली से अपना कैंडिडेट नहीं उतारने पर सहमत हुए हैं.

न्यूज एजेंसी भाषा ने सपा और बसपा सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 10 जनवरी के बाद अखिलेश और मायावती की प्रस्तावित बैठक में अगर सीटों का चयन हो जाता है तो 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर सपा-बसपा गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी. हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement