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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में मुफ्त मोबाइल बांटने की योजना का आगाज किया.
लेकिन फिलहाल मोबाइल के लिए सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है और मोबाइल मिलेंगे 2017 में. यानी अगर मुफ्त मोबाइल चाहिए तो यूपी के लोगों को दोबारा अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना होगा. मोबाइल पाने की शर्त यह है की रजिस्ट्रेशन के वक्त उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए और परिवार की सालाना आय 6 लाख से कम होनी चाहिए. रजिस्ट्रेशन कराने वाले को कम से कम 10 वीं पास होना जरूरी है. मोबाइल फोन पाने वाले को उत्तर प्रदेश का नागरिक होना भी जरूरी है. मोबाइल के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय आवेदक को हाई स्कूल प्रमाण पत्र की स्कैन की गई कॉपी भी अपलोड करनी है.
मुफ्त मोबाइल फोन पाने के लिए www.samajwadisp.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.
'हमारा जितना काम किसी ने नहीं किया'
मोबाइल पाने की योजना का रजिस्ट्रेशन लॉन्च करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब हर हाथ में मोबाइल होगा तो सरकार और लोगों के बीच की खाई मिट जाएगी और सरकार की योजनाओं की जानकारी लोगों को मिल पाएगी. अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि अगर मुकाबला काम के आधार पर होगा तो उनकी पार्टी को कोई हरा नहीं सकता है, क्योंकि उन्होंने जितने विकास के काम राज्य में किए हैं आज तक किसी ने नहीं किए.
'बीजेपी से मिल हुआ है बीएसपी'
इस मौके पर अखिलेश यादव ने मायावती की की भी जमकर खिंचाई की और कहा कि उनकी सरकार ने सिर्फ पत्थर के स्मारक बनाने में जनता की दौलत लुटाई. मायावती ने रविवार को अपनी रैली में कहा था कि मुस्लिम वोटर समाजवादी पार्टी को वोट देकर अपना वोट बर्बाद ना करें. अखिलेश यादव ने कहा यूपी के मुस्लिम जानते हैं बहुजन समाज पार्टी बीजेपी से मिली हुई है और चुनाव के बाद अगर मौका मिला तो वह बीजेपी के साथ जा कर सरकार बनाने से भी नहीं चूकेगी.