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संघ के गुरु जी को था टेनिस और बांसुरी का शौक, BHU से की थी पढ़ाई

हिंदुत्व विचारधारा के पुरोधा माधवराव ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और वहीं पर एक शिक्षक के तौर पर भी काम किया. माधवराव को टेनिस और बांसुरी का शौक था. जानिये संघ के गुरुजी माधवराव के बारे में...

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वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:10 AM IST

गुरुजी के नाम से मशहूर माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे संघ प्रचारक थे. इनका जन्म 19 फरवरी, 1906 को महाराष्ट्र के रामटेक में हुआ था और 5 जून, 1973 को गोलवलकर की मृत्यु हो गई.

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1. 1924 में नागपुर के ईसाई मिशनरी की ओर से संचालित हिस्लाफ कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद गोलवलकर ने 1924 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया. यूनिवर्सिटी में इन्होंने बीएससी और एमएससी की परीक्षा पास की.

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2. बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही ये मदन मोहन मालवीय से काफी प्रभावित हुए थे.

3. इन्हें पढ़ाई के साथ-साथ टेनिस खेलने और सितार-बांसुरी बजाने का शौक था.

4. बनारस में हेडगेवार के कार्यक्रम में इनका परिचय पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हुआ, जहां ये डॉ. हेडगेवार की विचारधारा से काफी प्रभावित हुए.

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5. डॉ. हेडगेवार ने अपने गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए 13 अगस्त, 1939 को रक्षाबंधन के अवसर पर गोलवलकर को 'सरकार्यवाहक' के पद पर नियुक्त किया था.

6. 1940-1973 यानी 33 सालों तक इन्होंने आरएसएस के स्वरूप को विस्तार देने के लिए काम किया.

7. गोलवलकर के विचार उनकी किताब 'वी आर आवर नेशनहुड डिफाइंड' और उनके भाषणों के संग्रह 'बंच ऑफ थॉट्स' में मिलती है.

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