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छात्राओं के कपड़े उतरवाने के खिलाफ कुलपति को भेंट किए पैड

विश्वविद्याल शिकायत निवारण कमेटी की चेयरमैन ही जब उतरवा रही हैं छात्राओं के कपड़े तो सोचिए ऐसी जगहों पर कितनी सुरक्षित हैं लड़कियां?

छात्र-छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन छात्र-छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन
संध्या द्विवेदी/मंजीत ठाकुर
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  • 27 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

सागर, सागर जिले में स्थित हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने कुलपति को सैनेटरी पैड भेंट किए. यहां शुक्रवार को वार्डन ने पीरियड का पता लगाने के लिए 40 लड़कियों के कपड़े उतरवाए थे. मामला दरअसल ये था कि हॉस्टल के बाथरूप में पीरियड के दौरान इस्तेमाल हुआ पैड मिला था.

जिसके बाद वार्डन ने इस शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया. जिस वार्डन ने इस घटना को अंजाम दिया वह विश्वविद्यालय की आंतरिक महिला शिकायत निवारण कमेटी की चेयरमैन है. ऐसे में छात्राएं सवाल उठा रही हैं कि अगर लड़कियों की शिकायत सुनने वाले ही इस तरह की हरकत को अंजाम देंगे तो सोचिए इस विश्वविद्यालय में लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं.

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इस शर्मनाक घटना के विरोध में तमाम छात्र संगठन सड़क पर हैं. छात्र- छात्राओं ने सोमवार को कुलपति का घेराव कर कार्रवाई की मांग की. छात्र संगठनों ने कुलपति को सेनेटरी पैड तक भेंट कर दिए. एनएसयूआई और एबीवीपी संगठनों ने वार्डन को निलंबित करने की मांग की है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो वे 28 मार्च एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

छात्र संगठनों का कहना है कि एक तरफ तो देश में पैडमैन जैसी फिल्में बन रही हैं तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालयों में लड़कियों के कपड़े उतरवाए जा रहे हैं.

विश्वविद्यालय के नवनिर्मित रानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स हॉस्टल में 187 छात्राएं रहती हैं.

शुक्रवार को हिंदी विभाग की प्रोफेसर वार्डन प्रो. चंदा बेन को बाथरूम में खून के दाग व सेनेटरी पैड पड़ा मिला. इसके बाद उन्होंने शाम को ही विंग की सभी लड़कियों की चेकिंग करने के निर्देश दिए.

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छात्राओं का आरोप है कि वार्डन प्रो. चंदा बेन और केयर टेकर ने प्रर्थना के बाद सभी छात्राओं से इसकी जानकारी दी और यह पूछा कि बाथरूम में किस छात्रा ने पैड छोड़ा है.

वार्डन की धमकी से छात्राएं डर गईं और किसी ने भी ये बात नहीं कुबूली.

इस पर वार्डन ने सभी छात्राओं को लाइन में खड़ा कर उनके कपड़े उतरवाकर मासिकधर्म का पता लगाना शुरू कर दिया.

उस समय छात्राएं डर के मारे सहन कर गईं, लेकिन बाद में उन्होंने इस पर आपत्ति की.

रविवार को कुलपति से शिकायत की और इसकी खबर लगते ही सोमवार को सभी छात्र संगठन इसके खिलाफ सड़क पर उतर आए. चिंताजनक बात तो यह है कि जिस वार्डने ने इस शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया वो विश्वविद्यालय की महिला शिकायत निवारण कमेटी की चेयरमैन भी हैं.

आंदोलन के दबाव में कुलपति, जांच कमेटी बनाई

सोमवार को इस मुद्दे पर विवाद बढ़ा तो कुलपति प्रो. आरपी तिवारी ने पांच सदस्यीय कमेटी का ऐलान कर दिया. कमेटी 28 मार्च को रिपोर्ट देगी. कुलपति ने कहा, रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

निलंबन नहीं तो एफआइआर कराएंगे छात्र संगठन

एनएसयूआइ के पदाधिकारी राहुल खरे कहा कि अग 28 मार्च तक वार्डन और केयर टेकर का निलंबन नहीं हुआ तो विश्वविद्यालय में ताला दाल दिया जाएगा. वहीं एबीवीप ने इस पर कड़ा रुखा अख्तियार करते हुए आंदोलन तेज करने की धमकी दे दी.

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एबीवीपी के प्रदेश प्रमुख ज्योतेश पाण्डेय ने कहा, यदि कुलपति ने सख्त कार्रवाई नहीं की तो वह कोतवाली में इसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएंगे. छात्राओं के सम्मान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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