
राम मंदिर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर शिवसेना खासी नाराज है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा न्यायालय में है यह बात हमें भी मालूम है और देश को भी मालूम है. लेकिन फिर भी जनता ने सत्ता पर आपको इसलिए बैठाया है कि आप अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर सकें.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की पैरेंट्स बॉडी है आरएसएस वो भी राम मंदिर पर अध्यादेश की मांग करते हैं. विश्व हिंदू परिषद जो बीजेपी के सबसे बड़े प्रचारक हैं, जो जगह- जगह पर धर्म संसद धर्मसभा करते हैं वो भी अध्यादेश की मांग करते हैं. शिवसेना को छोड़ दीजिए, सबसे पहले आरएसएस को बीजेपी से पूछना पड़ेगा कि आप राम मंदिर बना रहे हैं या नहीं बना रहे हैं.
राउत ने कहा कि राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में हिंदुओं का इतना बड़ा नरसंहार हुआ था, क्या आप देश से माफी मांगेंगे? मंदिर के नाम पर इस देश में इतना बड़ा संहार हुआ है, बम ब्लास्ट हुए हैं. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर न्यायालय में जाना था तो आंदोलन से पहले जाना था. इन सवालों पर सबसे बड़ी लाभार्थी है बीजेपी, आपको जवाब देना पड़ेगा.
संजय राउत ने कहा कि हम देख रहे हैं कि आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की इस पर क्या प्रतिक्रिया है. शिवसेना का कहना कि अगर ऑर्डिनेंस आता है तो हम जरूर साथ देंगे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की राम मंदिर पर भाषा बदल गई. अयोध्या के मैदान में हम सब लोग थे, हम सभी थे तभी बीजेपी शिखर पर गई, हम भी गए और हम इतनी आसानी से राम के साथ धोखा नहीं कर सकते.
बता दें कि मंगलवार को पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और दूसरे हिंदुवादी संगठनों की तरफ से कानून लाकर मंदिर निर्माण की मांग की जा रही है, तो पीएम मोदी ने जवाब दिया कि राम मंदिर पर कानून प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश पर विचार किया जाएगा. यानी राम मंदिर का मसला जब तक सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, तब तक सरकार इसे लेकर अध्यादेश नहीं लाएगी.